Women’s Day 2022: महिला मार्शल आर्ट योद्धाओं ने नारी शौर्य का किया प्रदर्शन, मिशन लक्ष्मीबाई का आगाज
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आज महिला मार्शल आर्ट योद्धाओं ने पौराणिक सूरजकुंड धाम सरोवर पर 'नारी शौर्य' प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सक्षम नारी के लिए "मिशन लक्ष्मीबाई" का भी आगाज किया.
Gorakhpur News. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर योद्धा मार्शल आर्ट की महिला मार्शल आर्ट योद्धाओं ने ऐतिहासिक और पौराणिक सूरजकुंड धाम सरोवर पर ‘नारी शौर्य प्रदर्शन’ किया. इस दौरान उन्होंने सक्षम नारी के लिए “मिशन लक्ष्मीबाई” का भी आगाज किया.
मिशन लक्ष्मीबाई के अंतर्गत महिलाओं को आत्मरक्षा में पारंगत कर उन्हें शारीरिक मानसिक और आर्थिक रूप से स्वयं सक्षम बनाया जाता है. 70 वर्षीय मार्शल आर्ट ब्लैक बेल्ट जागृति वर्मा ने विभिन्न मुद्राओं का प्रदर्शन कर और टाइल्स तोड़कर महिलाओं को यह संदेश दिया कि मार्शल आर्ट सीखने के लिए कोई उम्र नहीं होती.
कहते हैं, अगर हौसले बुलंद हो और कुछ करने की इच्छा हो तो कोई उम्र लक्ष्य के लिए मोहताज नहीं होता. महिलाओं के लिए सीख बनी 70 वर्षीय मार्शल आर्ट ब्लैक बेल्ट जागृति वर्मा ने बताया कि भारतीय सॉरी कला की इस विधा को किसी भी उम्र में सीखा जा सकता है. 70 वर्षीय जागृति वर्मा ने मार्शल आर्ट के कई प्रदर्शन को दिखाया, इतना ही नहीं उन्होंने टाइल्स भी तोड़ कर नए युग की महिलाओं को यह संदेश देने का काम किया कि उम्र किसी की मोहताज नहीं होती.
इस कार्यक्रम का नेतृत्व मार्शल आर्ट महिला प्रमुख ब्लैक बेल्ट अनुप्रिया आनंद ने किया. इस कार्यक्रम में 8 साल की बच्चियों से लेकर 70 साल की महिलाएं भी उपस्थित थे. नारी सॉरी प्रदर्शन करते हुए मार्शल आर्ट योद्धाओं ने हैरतअंगेज कारनामों का प्रदर्शन कर लोगों को दांतों तले अंगुलियां दबाने पर मजबूर कर दिया और यह दिखा दिया कि महिला किसी से कम नहीं है. शौर्य प्रदर्शन में मार्शल आर्ट स्टोर ने महिला हिंसा से बचाव के तौर-तरीकों का प्रदर्शन भी किया.
इसमें सड़क पर हो रही छेड़छाड़ घरेलू हिंसा जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए महिलाओं के पास मौजूद कलम, हेयर पिन, कड़ा और उंगलियों को हथियार बनाकर प्रहार और बचाव के तौर-तरीकों का प्रदर्शन भी किया गया. इस दौरान लड़कियों ने विभिन्न मुद्राओं में टाइल्स भी तोड़े.
मीडिया से बात करते हुए महिला मार्शल आर्ट प्रमुख अनुप्रिया आनंद ने कहा कि मिशन लक्ष्मीबाई का उद्देश्य 7 वर्ष से लेकर 70 वर्ष की उम्र तक की हर लड़की और महिलाओं को भारतीय सॉरी कला का पारंगत कर उन्हें हर दृष्टि से स्वाबलंबन यानी स्वयं सक्षम बनाना है. उन्होंने कहा कि मार्शल आर्ट के प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं को रोग मुक्त और स्वस्थ बनाना योद्धा मार्शल आर्ट का उद्देश्य है.
रिपोर्ट – कुमार प्रदीप, गोरखपुर