Hathras Stampede: किसी की दम घुटने से हुई मौत, तो किसी की सीने में चोट से गई जान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा
Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश में हाथरस में एक सत्संग के बाद मची भगदड़ के पीड़ितों के शवों के पोस्टमार्टम से पता चला है कि उनकी मौत सीने में चोट के कारण खून जमने, दम घुटने और पसलियों में चोट के कारण हुई है.
Hathras Stampede: हाथरस जिले के फुलरई गांव में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ के कार्यक्रम में लाखों श्रद्धालु जुटे थे. इस दौरान मची भगदड़ में 123 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. घटना में 31 अन्य घायल हुए हैं. इस बीच पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे भी हुए हैं. आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार लोगों की मौत रक्त जमने, दम घुटने और पसलियों में चोट लगने के कारण हुई है. उन्होंने बताया कि मथुरा, आगरा, पीलीभीत, कासगंज और अलीगढ़ आदि स्थानों के 21 लोगों के शव एस एन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में लाए गए और डॉक्टरों की एक टीम ने उनका पोस्टमार्टम किया. मंगलवार रात को जैसे ही शव पोस्टमार्टम स्थल पहुंचने लगे, पीड़ितों के परिजन वहां जुटने लगे. पोस्टमार्टम के बाद शवों को पीड़ितों के परिजनों को सौंप दिया गया.
हादसे में हाथरस के सबसे अधिक 22 लोग मारे गए
उत्तर प्रदेश में, हाथरस के सबसे अधिक 22 लोग मारे गए हैं जबकि आगरा के 17, अलीगढ़ के 15, एटा के 10, कासगंज और मथुरा के 8-8, बदायूं के 6, शाहजहांपुर और बुलंदशहर के 5-5, औरैया और संभल के 2-2 तथा ललितपुर, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और उन्नाव के एक-एक श्रद्धालु की घटना में मृत्यु हुई है. कुल 123 में से अब तक 118 शवों की शिनाख्त हुई है. प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम/हेल्पलाइन नंबर 05722-227041, 42, 43, 45 भी जारी किया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को ही मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया था.
मुख्यमंत्री ने दिये हाथरस भगदड़ मामले की न्यायिक जांच के आदेश, जतायी साजिश की आशंका
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में एक सत्संग के बाद हुई भगदड़ की घटना में साजिश की आशंका जाहिर करते हुए इसकी न्यायिक जांच कराने का बुधवार को ऐलान किया. मुख्यमंत्री ने हाथरस में प्रेस वार्ता में कहा कि सिकन्दराराऊ में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 123 लोगों की मौत के मामले की हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में न्यायिक जांच करायी जाएगी तथा इसकी अधिसूचना आज ही जारी हो जाएगी. उन्होंने घटना में साजिश की तरफ इशारा करते हुए कहा, यह हादसा था या कोई साजिश और अगर साजिश थी तो इसमें किसका हाथ है…इन सभी पहलुओं को जानने के लिए हम न्यायिक जांच भी कराएंगे जो हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में की जाएगी. उन्होंने कहा कि इसमें प्रशासन और पुलिस के सेवानिवृत्त अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा ताकि इस घटना की तह में जाया जा सके और जो भी इसके लिए दोषी होगा उन्हें सजा दी जाएगी.
सेवादार भाग गए
मुख्यमंत्री योगी ने यह भी कहा कि सेवादारों (‘सत्संग’ आयोजकों के लिए काम करने वाले स्वयंसेवक) को पीड़ितों को अस्पताल ले जाना चाहिए था. आदित्यनाथ ने दावा किया कि लोग मर रहे थे और सेवादार भाग गए. आदित्यनाथ ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के लिए सरकार ने आगरा की अपर पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जिसने अपनी एक प्रारंभिक रिपोर्ट दी है. आदित्यनाथ ने कहा, इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी ताकि भविष्य में होने वाले इस तरह के किसी भी बड़े आयोजन में उसे लागू किया जा सके. इन सभी चीजों को सुनिश्चित किया जाएगा.
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