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बरेली में पशुधन मंत्री के काफिले के आगे छुट्टा पशु खड़ा करने वाले 90 लोगों पर एफआईआर, सीवीओ ने दी तहरीर

इस मामले में रविवार को पशु चिकित्सा अधिकारी संजय कुमार वर्मा की तरफ से 90 अज्ञात लोगों के खिलाफ सिरौली थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है.

बरेली: उत्तर प्रदेश सरकार के पशुपालन, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री धर्मपाल सिंह और अपर मुख्य सचिव पशुधन विभाग अवनीश दुबे के काफिले को 17 अगस्त को पिपरिया उपराला गांव के पास लोगों ने छुट्टा पशु खड़ा कर रोक लिया था. इस मामले में रविवार को पशु चिकित्सा अधिकारी संजय कुमार वर्मा की तरफ से 90 अज्ञात लोगों के खिलाफ सिरौली थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है. कैबिनेट मंत्री अपने काफिले के साथ पशु पॉली क्लीनिक की भूमि का पूजन करने जा रहे थे.इस मामले में सिरौली थाना पुलिस से मामले की जानकारी चाही, लेकिन फोन नहीं उठा.हालांकि, सीओ आंवला के फोन पर बताया गया कि पशु चिकित्सा अधिकारी की तरफ से अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

जानें, क्यों रोका था काफिला

पशुपालन, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री धर्मपाल सिंह के काफिले को उनके विधानसभा क्षेत्र के पिपरिया उपराला गांव के पास ग्रामीणों ने रोक दिया था. अपनी समस्या से कैबिनेट मंत्री को रूबरू कराने के लिए छुट्टा पशुओं को रोड पर इकट्ठा कर दिया और मंत्री के काफिले को रोक लिया था. उन्होंने जमकर हंगामा किया.ग्रामीणों को अफसरों और पुलिस ने समझने की काफी कोशिश की.मगर, वह नहीं मानें.उनका आरोप था कि छुट्टा पशुओं ने फसलों को बर्बाद कर दिया है. छुट्टा पशुओं को पकड़कर गोशाला भेजने के लिए अफसरों के काफी चक्कर लगाए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद ही रोड जाम का फैसला लिया गया.

ग्रामीणों पर अफसरों से बदसलूकी का आरोप

कैबिनेट मंत्री के काफिले में शामिल अफसरों से गांव के लोगों ने काफी बहस की थी.उन पर अफसरों से बदसुलूकी का भी आरोप लगा.कैबिनेट मंत्री ने अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों को छुट्टा पशुओं से निजात दिलाने का भरोसा दिलाया.इसके बाद करीब 45 मिनट बाद ग्रामीण शांत हुए.इसके बाद कैबिनेट मंत्री का काफिला गुरगांवा गांव को रवाना हो सका. यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने अपनी विधानसभा आंवला के सिरौली क्षेत्र के गुरगावां गांव में पॉली क्लीनिक की भूमि का शिलान्यास किया.उनके साथ अपर मुख्य सचिव पशुधन विभाग भी थे.मगर, पिपरिया उपराला गांव में ग्रामीणों ने छुट्टा पशुओं को सड़क पर खड़ा कर पशुधन मंत्री का काफिला रोक लिया.

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40 मिनट तक फंसा काफिला

कैबिनेट मंत्री का काफिला करीब 40 मिनट तक फंसा रहा था.उन्होंने ग्रामीणों को समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया, तब जाकर ग्रामीण शांत हुए. इसके बाद सड़क से छुट्टा पशुओं का हटाया गया.हालांकि, एसडीएम से अभद्रता का आरोप ग्रामीणों पर लगा था. कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह के आने की सूचना ग्रामीणों को कुछ देर पहले ही लगी थी.इसकी जानकारी के बाद आक्रोश फैल गया.पिपरिया उपराला गांव में ग्रामीणों ने सैकड़ों छुट्टा पशुओं को लाकर सड़क पर खड़ा कर दिया. इसी मार्ग से पशुधन मंत्री का काफिला गुजरने वाला था.इसकी जानकारी होने पर एसडीएम आंवला और इंस्पेक्टर सिसौली वहां पहुंच गए. आक्रोशित ग्रामीण एसडीएम से भिड़ गए.छुट्टा पशु देख अफसरों के होश उड़ गए थे.

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9.14 करोड़ की लागत से बनेगी पॉली क्लीनिक

कैबिनेट मंत्री अपनी विधानसभा आंवला तहसील के गुरगांवा गांव में पशुओं के इलाज के लिए 9.14 करोड़ रुपये की लागत से पॉली क्लीनिक बनना है. यहां पशुओं को 24 घंटे इलाज मिल सकेगा.इसका शिलान्यास करने पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह, अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे के साथ गुरगांवा जा रहे थे.मंत्री के कार्यक्रम को लेकर सफाई कर्मियों की सड़क किनारे ड्यूटी लगाई गई थी.जिससे पशुपालन मंत्री को छुट्टा पशु न दिख सकें.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

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