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Kanpur News: इरफान सोलंकी मुस्कुराते हुए MP- MLA कोर्ट में हुआ पेश, 4 मार्च को तय होंगे आरोप

इरफान सोलंकी पर जाजमऊ स्थित डिफेंस कालोनी की रहने वाली नजीर फ़ातिमा के घर में आगजनी और फर्जी आधार कार्ड से हवाई यात्रा करने के मामले में आरोप तय होने थे. शुक्रवार को अपर जिला जज 17 की अदालत में पेश किया गया. फर्जी आधार कार्ड मामले में एमपी-एमएलए लोअर कोर्ट में आरोपियों की पेशी हुई.

Kanpur: समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी को कड़ी सुरक्षा के बीच महराजगंज जेल से एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया गया. उन्होंने अपने प्रशंसकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया. उन्होंने मीडिया से कहा कि जीत सच की होगी. आज से प्लॉट में आगजनी और फर्जी आधार कार्ड के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गयी है.

आरोप होने हैं तय

इरफान सोलंकी पर जाजमऊ स्थित डिफेंस कालोनी की रहने वाली नजीर फ़ातिमा के घर में आगजनी और फर्जी आधार कार्ड से हवाई यात्रा करने के मामले में आरोप तय होने थे. लेकिन, एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश छुट्टी पर थे. इसलिए इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी को अपर जिला जज 17 की अदालत में पेश किया गया. कोर्ट ने आरोप तय करने के लिए अगली तारीख 4 मार्च की तय की है. फर्जी आधार कार्ड मामले में एमपी-एमएलए लोअर कोर्ट के न्यायाधीश की अदालत में इरफान समेत सभी आरोपियों की पेशी हुई.

क्या है पूरा मामला

जाजमऊ थाना क्षेत्र स्थित डिफेंस कॉलोनी की रहने वाली नजीर फातिमा का प्लाट है, जिस पर वह अपने परिवार के साथ छप्पर डालकर रहती हैं. नजीर ने आरोप लगाया था कि सपा विधायक और उनके भाई प्लॉट पर कब्जा करना चाहते थे. बीते 7 नवंबर 2022 को नजीर के परिवार सभी सदस्य एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गए थे. इस दौरान विधायक और उनके भाई ने झोपड़ी में आग लगा दी थी. नजीर की तहरीर पर जाजमऊ पुलिस ने धारा 147, 327, 427, 386, 504, 436, 506 और 120B के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

आठ लोग हैं जेल में 

मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी विधायक इरफान सोलंकी व उनका भाई फरार हो गए थे. इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान ने कमिश्नर के बंगले में घटना के करीब 25 दिन के बाद आत्मसमर्पण किया था. वही पूरे मामले में इरफान, उनके भाई रिजवान समेत आठ लोग जेल में हैं.

शासन में दी गयी थी फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने की अर्जी

कानपुर पुलिस ने आगजनी और फर्जी आधार कार्ड के मामले में आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए शासन से फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की अर्जी दी थी. ज्वाइंट कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि शासन ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने की सहमति दे दी है. चार बार के विधायक को छह महीने में सजा हो सकती है. सजा होने पर उनकी विधानसभा की सदस्यता भी रद्द होनी तय मानी जा रही है. आगजनी मामले में जो धाराएं लगी हैं, उनमें तीन से दस साल तक की सजा का प्रावधान है.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

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