Agra News : दीपदान करने कजाकिस्तान का 20 सदस्यीय दल इस्कॉन मंदिर पहुंचा , कृष्ण से प्रेरित हैं विदेशी भक्त
कजाकिस्तान के इस दल में शामिल लोगों ने हिंदू धर्म को अपनाया है. उनका कहना है कि वह लोग भगवान श्री कृष्ण से प्रभावित हैं.
आगरा. आगरा के कमला नगर में स्थित इस्कॉन मंदिर में कजाकिस्तान का 20 सदस्य दीपदान करने के लिए पहुंचा. इस दल में के अधिकतर लोगों ने अपने मूल धर्म त्याग कर हिंदू धर्म को अपनाया है. उनका कहना है कि भगवान श्री कृष्ण से हम इतने प्रभावित हैं कि हमने सिर्फ उन्हीं की भक्ति को अपना धर्म बना लिया है. ऐसे में अब हम भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा वृंदावन के साथ आगरा में भी आए हैं.आगरा आए 20 सदस्यीय दल के प्रमुख तधिध ने बताया कि पूरी दुनिया का एक ही धर्म है. और वह हिंदू धर्म है. ऐसे में हमने इस धर्म को अपनाया है. और भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लीन होने का प्रण लिया है. हम किसी सीमा क्षेत्र को नहीं मानते क्योंकि अगर किसी एक धर्म की बात करते हैं तो धर्म को जगह-जगह के हिसाब से बांट दिया जाता है. उन्होंने बताया कि हम मूर्ति पूजा इसलिए करते हैं क्योंकि इससे हमारे मन में विश्वास बढ़ता है.
श्रीकृष्ण भक्त बनने के बाद शाकाहार अपनाया
तधिध ने बताया कि जब से वह श्रीकृष्ण के भक्त हुए हैं तब से वह शुद्ध शाकाहारी हैं और कजाकिस्तान में अभी तक उन्होंने किसी दूसरे ऐसे व्यक्ति को नहीं देखा जो शाकाहारी हो. वह अकेले मात्रा शाकाहारी हैं. जो कजाकिस्तान में रहते हैं. और खाने में सिर्फ श्री कृष्ण की पूजा के बाद दिए जाने वाले प्रसाद को ग्रहण करते हैं. उन्होंने बताया कि एक बार उनके स्वप्न में एक स्वरूप आए. उन्होंने आदेश दिया कि तुम सब कुछ छोड़कर मेरी शरण में आ जाओ. उसके बाद से ही मैं महाप्रभु कृष्ण का भक्त हो गया.
कलह से मुक्ति को अनास्तासिया ने अपनाया भक्ति का मार्ग
20 सदस्य दल में शामिल पर्सनैलिटी डेवलपमेंट की पढ़ाने वाली 43 वर्षीय अनास्तासिया ने बताया कि उनके और उनके पति के बीच में काफी विवाद होता था. वह गृह क्लेश से काफी परेशान थी और उन्हें अपने सवालों के जवाब नहीं मिल रहे थे. ऐसे में वह हमेशा भ्रमित रहती थी. और परेशान रहती थी. एक बार उनकी एक मित्र जो की काउंसलिंग और थेरेपी करती थी. उसने उन्हें रास्ता दिखाया और कहा कि तुम्हें भगवान की भक्ति करनी चाहिए. इसके बाद मैं श्री कृष्ण की भक्ति करना शुरू किया और अब मेरे परिवार में सब कुछ सही है. मैं मानसिक रूप से काफी शांत हो चुकी हूं. और रोजाना करीब 16 बार भगवान श्री कृष्ण के हरे कृष्णा नाम का जप करती हूं.
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कजाकिस्तान की रहने वाली कात्या में 3 साल पहले इस ग्रुप को ज्वाइन किया था. वह अपनी 9 साल की बेटी माहिया के साथ आगरा आई हैं. उनका कहना है कि श्री कृष्ण की भक्ति से उनके जीवन की सभी उथल-पुथल समाप्त हो चुकी है. वह करीब 3 साल से प्रभु की भक्ति कर रही हैं और प्रचार प्रसार कर रही हूं.