कानपुर देहात अग्निकांड की जांच के लिए SIT टीम का हुआ गठन, CM योगी ने दिए आदेश, एक हफ्ते में देनी होगी रिपोर्ट

कानपुर देहात अग्निकांड को लेकर मुख्यमंत्री योगी एक निजी कार्यक्रम में दुख प्रकट किया. साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सीएम ने SIT टीम का गठन करने का आदेश दिया. सीएम योगी ने कहा कि मामले की मजिस्ट्रियल जांच की जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 15, 2023 11:07 PM
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कानपुर देहात अग्निकांड को लेकर मुख्यमंत्री योगी एक निजी कार्यक्रम में दुख प्रकट किया. साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सीएम ने SIT टीम का गठन करने का आदेश दिया. सीएम योगी ने कहा कि मामले की मजिस्ट्रियल जांच की जा रही है. रिपोर्ट आने का इंतजार हो रहा है. रिपोर्ट के आधार पर ही उचित कार्रवाई और निर्णय लिया जाएगा.

कानपुर देहात अग्निकांड की एसआईटी करेगी जांच

गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र के मड़ौली गांव में अतिक्रमण हटाते समय पुलिस प्रशासन की लापरवाही के चलते मां बेटी की जलकर मौत हो गई थी. जिसके बाद से लगातार इस पूरे मामले को लेकर राज्य सरकार कटघरे में है, और विपक्षी पार्टी की तरफ से इस पूरे मामले में कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग की जा रही है.

सरकार के निर्देश पर एसडीएम कोतवाली निरीक्षक, लेखपाल सहित अन्य जिम्मेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एसआईटी टीम को भी जांच सौंपी गई है. मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी.

दोषियों को नहीं जाएगा बख्शा

बता दें कि कानपुर देहात में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान मां-बेटी की जलकर हुई मौत के मामले में सरकार की ओर से दोनों उपमुख्यमंत्री सामने आए थे. केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करके और दूसरे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने वीडियो से बातचीत में कहा था कि सरकार इस मामले में पूरी तरह से गंभीर और सख्त है. इस हादसे से जुड़े किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सरकार पीड़ितों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने देगी.

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उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस मसले पर ट्वीट करते हुए कहा कि कानपुर देहात की घटना दुखद है, प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच और दर्ज मुक़दमे की विवेचना में जो दोषी होगा. बख़्शा नहीं जाएगा, सरकार की मंशा स्पष्ट है, अनाधिकृत क़ब्ज़ा है. तब भी गरीब को वैकल्पिक व्यवस्था होने तक अधिकारी बेदखल न करें, परंतु भूमाफिया को छोड़ा नहीं जाएगा.

रिपोर्टः आयुष तिवारी

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