कानपुर देहात अग्निकांड: मुख्य आरोपी लेखपाल अशोक सिंह गिरफ्तार, SDM समेत 24 पर दर्ज हैं एफआईआर
Kanpur Dehat: कानपुर देहात अग्निकांड मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी लेखपाल अशोक सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. पूरे मामले में अभी तक दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पूरी घटना का जिम्मेदार लेखपाल है.
Kanpur Dehat: कानपुर देहात अग्निकांड मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी लेखपाल अशोक सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. पूरे मामले में अभी तक दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं. लेखपाल की गिरफ्तारी न होने को लेकर लगातार ग्रामीणों में आक्रोश था. ग्रामीणों का कहना है कि पूरी घटना का लेखपाल जिम्मेदार है.
ग्रामीणों ने बताया, जब भी गांव में कोई जमीन पर निर्माण होता है, वह वसूली के लिए पहुंच जाता है. पूरे मामले में 11 नामजद समेत 24 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. मुकदमा दर्ज होने के बाद से सभी नामजद अफसर और पुलिसकर्मी फरार हैं. आला अधिकारियों ने लेखपाल की गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी है.
लेखपाल को लेकर लोगों में नाराजगी
ग्रामीणों ने लेखपाल पर वसूली समेत अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पूरी घटना पारिवारिक विवाद में हुई. परिवार के ही गेंदन लाल ने कृष्ण गोपाल दीक्षित पर सरकारी जमीन कब्जा करने की डीएम से शिकायत की थी. जिसके बाद मैथा एसडीएम ने घटना की जांच की और 13 जनवरी को कब्जे की जमीन को गिरवा दिया था. ग्रामीणों का कहना है कि लेखपाल ने गेंदन लाल से घूस लेकर गलत रिपोर्ट भेजी थी.
मृतक के बेटे ने दी तहरीर
मृतक प्रमिला के बेटे शिवम दीक्षित द्वारा दी गई तहरीर में लिखा है कि इस जमीन पर हमारे बाबा निवास करते थे. 14 जनवरी को मैथा एसडीएम, लेखपाल व रूरा एसओ बुलडोजर लेकर बिना किसी सूचना के मकान गिराने आ गए. उस दिन कुछ निर्माण गिराया व 10 से 12 दिन का समय दिया गया कि इसे खुद गिरा लो. इसके बाद हम मवेशी संग कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां एडीएम प्रशासन ने सुनवाई नहीं. बल्कि बलवा का मुकदमा लिखवा दिया गया.
मृतक प्रमिला के बेटे ने तहरीर में बताया कि सोमवार को यही लोग टीम लेकर आए और विपक्षी अशोक दीक्षित, अनिल दीक्षित, निर्मल, विशाल व बुलडोजर का चालक दीपक सुनियोजित तरीके से आए. परिवार घर में था, लेकिन सूचित किए बिना ही निर्माण को गिराने लगे. आरोप है कि लेखपाल ने आग लगा दी, और एसडीएम ने कहा कि आग लगा दो झोपड़ी में कोई बच न पाए. मुझे भी पीटा गया और एसओ व पुलिसकर्मियों ने आग में फेंकने की कोशिश की. आग से मेरी मां व बहन जलकर मर गई. जबकि पिता झुलस गए.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी