Mahakumbh में मौतों के जिम्मेदार कौन, क्यों अफसरों पर उठ रही उंगली?
प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र में मची भगदड़ का जिम्मेदार कौन है? संगम नोज इलाके में भगदड़ क्यों मची. ये सवाल लगातार मृतकों के परिजन पूछ रहे हैं.
Mahakumbh: मौनी अमावस्या के तड़के कुंभ क्षेत्र में मची भगदड़ पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. जिम्मेदारों को पहचानने, उन्हें दंडित करने की मांग सोशल मीडिया और प्रत्यक्षदर्शियों और जान गंवाने वाले परिजनों की ओर से की जा रही है. हालांकि अभी तक मामले में किसी को भी आधिकारिक रूप से जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है.
पर कुछ वीडिया फुटेज, कुछ लोगों के सोशल मीडिया पर चल रहे बयानों के आधार पर महाकुंभ मेला के बेहद महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अफसरों पर उंगली उठाई जा रही है. ये वही अफसर हैं, जिन्हें महाकुंभ क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई थी. 13 जनवरी से लेकर 28 जनवरी तक करीब 10 करोड़ से अधिक लोगों के महाकुंभ क्षेत्र में डुबकी लगाने और किसी के हताहत नहीं होने पर इन्हीं अफसरों की जमकर तारीफ भी की जा रही थी, पर अब इन्हीं पांच अफसरों पर सबसे अधिक सवालिया-निशान भी है.
लोगों का दावा इनके आदेश पर बंद किया गया पुल
सरकारी आंकड़े के अनुसार मौनी अमावस्या से एक दिन पहले महाकुंभ क्षेत्र में 1.6 करोड़ लोग पहुंच चुके थे, पांटून पुलों पर भीड़ थी. कई रास्ते फिर भी बंद थे. उनमें एंबुलेंस और कारणों से रास्ते बंद थे. महाकुंभ मेला में जान गंवाने वालों के परिजनों का आरोप है कि उसी दौरान एक एक वायरलेस मैसेज आया और भीड़ का मूवमेंट रोक दिया गया, इसके बाद पांटून ब्रिज नंबर-7 को अचानक बंद कर दिया गया. यहां पर श्रद्धालु करीब पांच घंटे से फंसे रहें. फिर इनका सब्र टूट गया. भीड़ ने देखा कि SDM सदर की गाड़ी के लिए पुल खोला गया है. इसके बाद भीड़ SDM की गाड़ी पर टूट पड़ी. इस दौरान अफसरों से धक्का-मुक्की हुई. भीड़ का गुस्सा बढ़ता देख पांटून ब्रिज नंबर- 13, 14, 15 को खोल दिया गया. ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि मैसेज मेला से जुड़े एक उच्च अधिकारी का था.
स्नान के लिए जल्दबाजी की अपील करने के वीडियो पर फूटा लोगों का गुस्सा
महाकुंभ भगदड़ से पहले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. हालांकि हम इस वीडियो की पुष्टि नहीं करते हैं. वीडियो में एक उच्च अधिकारी लोगों को जल्द से जल्द स्नान करने की अपील करते दिख रहे हैं. इसमें एक जगह वो कहते दिख रहे हैं, “सभी श्रद्धालु सुन लें… यहां लेटने से कोई फायदा नहीं है, जो सोवत है वो खोवत है उठिए… उठिए स्नान करिए और ये आपके सुरक्षित रहने के लिए बहुत आवश्यक है. यहां भगदड़ मचने की संभावना है.” अब इसपर लोगों का गुस्सा फूट रहा है, लोग अधिकारी को भगदड़ मचने की संभावना वाली बात पर घेर रहे हैं.
महाकुंभ के लिए बनाया गया अस्थाई जिला
महाकुंभ मेला 2025 में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ मेला को एक अस्थायी जिला बनाया है. महाकुंभ जिले में चार तहसीलों के 67 गांव शामिल हैं. इस बार महाकुंभ में विजय किरण आनंद को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो मेला अधिकारी भी हैं. उनके अलावा पुलिस के बड़े अधिकारी भी जिम्मा संभाल रहे हैं. योगी सरकार ने कुल पांच तेज तर्रार अफसरों को महाकुंभ की जिम्मेदारी सौंपी है.
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