Loading election data...

विपक्ष के 4 MLC सीपी चंद्र, रविशंकर पप्पू, रमा निरंजन और नरेंद्र भाटी बने भाजपाई, सपा-बसपा खेमे में बड़ी सेंध

सूची में पूर्व मंत्री माकंर्डेय चंद के बेटे सीपी चंद भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं. पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह भी भाजपा में शामिल होने के लिए समाजवादी पार्टी छोड़ चुके हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | November 17, 2021 11:24 AM
an image

UP Election 2022 : प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने विपक्ष के चार विधान परिषद सदस्यों को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराते हुए सपा-बसपा के खेमे में बड़ी सेंध लगा दी है. इन नामों में विपक्ष के चार एमएलसी नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलवाई गई है. इनमें एमएलसी सीपी चंद्र, एमएलसी रविशंकर पप्पू,एमएलसी रमा निरंजन और एमएलसी नरेंद्र भाटी ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है.

सपा और बसपा के लिए बुधवार का दिन अच्छा नहीं रहा. इन दलों के बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़कर भाजपा की सदस्यता को ग्रहण करने का फैसला किया है. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी इन नेताओं को पार्टी की सदस्यता देने में कोई देरी न करते हुए सारे निर्णय ताबड़तोड़ कर लिए.

बता दें कि सभी नेताओं का अपने-अपने क्षेत्रों में काफी प्रभाव है. इस सूची में सबसे प्रमुख नाम रविशंकर सिंह पप्पू का है, जो इस समय समाजवादी पार्टी में हैं. वे पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत चंद्रशेखर के भतीजे हैं. यहां यह भी जानना जरूरी है कि दिवंगत चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं.

इसके अलावा सूची में पूर्व मंत्री माकंर्डेय चंद के बेटे सीपी चंद भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं. पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह भी भाजपा में शामिल होने के लिए समाजवादी पार्टी छोड़ चुके हैं. जौनपुर से बसपा एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंकू भी भाजपा में शामिल होने के लिए पाला बदलने जा रहे हैं. उन्हें बसपा के पूर्व सांसद धनंजय सिंह का करीबी माना जाता है. दिलचस्प बात यह है कि भाजपा में शामिल होने वाले ज्यादातर नेता ठाकुर समुदाय से हैं. उनके भाजपा में शामिल होने से सत्तारूढ़ पार्टी को एक बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है.

Also Read: सपा-बसपा के खेमे में लगी बड़ी सेंध, 10 MLC लेंगे BJP की सदस्यता, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की है यह ‘रणनीति’

Exit mobile version