UP जिला टॉपर पर संदेह के बादल : पिता जिस स्‍कूल के थे प्रिंसिपल, वहीं था बेटी का सेंटर

कानपुर : बिहार बोर्ड के टॉपर के बाद अब यूपी बोर्ड के रिजल्ट पर भी संदेह के बादल मंडराने लगे हैं. बताया जा रहा है कि कानपुर देहात के जिला टॉपर शिवानी देवी का केंद्र उसी स्कूल में पड़ा था, जहां उसके पिता राम मिश्रा व्यवस्थापक थे. प्रधानाचार्य राम मिश्रा ने अपनी बेटी को जिले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2017 7:37 PM

कानपुर : बिहार बोर्ड के टॉपर के बाद अब यूपी बोर्ड के रिजल्ट पर भी संदेह के बादल मंडराने लगे हैं. बताया जा रहा है कि कानपुर देहात के जिला टॉपर शिवानी देवी का केंद्र उसी स्कूल में पड़ा था, जहां उसके पिता राम मिश्रा व्यवस्थापक थे. प्रधानाचार्य राम मिश्रा ने अपनी बेटी को जिले का टॉपर भी बनवा लिया. छात्रा शिवानी देवी ने 92.67 प्रतिशत अंक पाकर जिले में टॉप किया है

क्या है मामला
यूपी के कानपुर देहात जिले के लक्ष्मण जानकी इंटर कालेज (थाना गजनेर, ब्लाक सरवनखेड़ा) का है. यहीं की एक छात्रा शिवानी देवी ने 92.67 प्रतिशत अंक पाकर जिले में टॉप किया है. शिवानी के पिता राम मिश्रा इसी कालेज में प्रधानाचार्य हैं.परीक्षा के दौरान वह इस केंद्र में व्यवस्थापक थे. नियमों के मुताबिक परीक्षा में व्यवस्थापक बनने से पहले को यह बात स्पष्ट करना पड़ता है कि उनका कोई सगा संबंधी केंद्र में परीक्षा दे रहा है तो वह इसकी सूचना डीआईओएस कार्यालय को देगा . डीआइओएस उसे कार्यमुक्त करने का भी नियम है. श्रीराम मिश्रा ने संबंधित अधिकारियों को यह सूचना नहीं दी.गौरतलब है कि अपना सगा -संबधी का केंद्र में नहीं होने की सूचना को लेकर शपथ पत्र देना पड़ता है. उधर मामले की जानकारी मिलते ही डीआईओएस ने बयान जारी कर कहा कि इस संदर्भ में जल्द ही मुकदमा दर्ज कराया जायेगा.
प्रधानाचार्य ने कई जगह छुपाये तथ्य
शपथ पत्र के अलावा कई ऐसी प्रक्रिया होती है जहां व्यवस्थापक परीक्षा केंद्र में अपने रिश्तेदारों की खुलासा कर सकते हैं. बोर्ड परीक्षा के दौरान प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर रजिस्टर बनाया जाता है. जिसमें विद्यालय के शिक्षक,प्रधानाचार्य व बाहरी विद्यालयों से आये कक्ष निरीक्षकों के सगे संबंधियों के न होने का उल्लेख दर्ज किया जाता है. परीक्षा में शामिल होने वाले सभी लोग इस संदर्भ में रजिस्टर में इस बात की पुष्टि करते हैं कि उनका कोई रिश्तेदार केंद्र में परीक्षा नहीं दे रहा है. टॉपर शिवानी देवी के केस में ऐसा नहीं हुआ.

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