लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा में पीइटीएन विस्फोटक पदार्थ पाये जाने के मामले के बाद पुलिस के आला अधिकारी ने शनिवार को बताया कि मामले की जांच एटीएस कर रही है. शुक्रवार की शाम को जांच के दौरान एक सफेद पाउडर का पैकेट विधानसभा परिसर में फिर मिला था, लेकिन वह मैग्नेशियम सल्फेट था जो कि पैकिंग के काम आता है. एटीएस ने उसे भी अपने कब्जे में ले लिया है. इस बीच, एटीएस की टीम ने मामले में दो विधायकों समेत छह लोगों से पूछताछ की है. यूपी विधानसभा में समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पांडे की सीट के नीचे से ही पेंटेरीथ्रिटोल टेट्रानेरेट्रेट (पीइटीएन) विस्फोटक मिला था. लेकिन, बीस मिनट तक हुई पूछताछ में पांडे ने बताया कि उनहोंने कोई संदिग्ध चीज अपने आसपास नहीं देखी. इसके अलावा कन्नौज से ही समाजवादी पार्टी के विधायक अनिल दोहरे से भी एटीएस ने फोन पर ही पूछताछ की है. वे 11 जुलाई मनोज पांडे के बगलवाली सीट पर विधानसभा में बैठे थे. इस मामले में अभी चार और विधायकों से पूछताछ होगी.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने बताया कि विधानसभा में तैनात मार्शल और सफाई कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है, लेकिन यह एक जांच की सामान्य प्रक्रिया है. उन्होंने बताया कि विधानसभा परिसर में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है जिसमें त्वरित प्रतिक्रिया दल, एटीएस और पीएसी के जवान शामिल हैं. सचिवालय सुरक्षा दल के साथ मिलकर एक सुरक्षा की नयी व्यवस्था का खाका तैयार किया जा रहा है. अब विधानसभा के पुराने पास से परिसर में प्रवेश नहीं हो पायेगा. उन्होंने बताया कि विधानसभा परिसर में 109 सीसीटीवी कैमरों को पूरी तरह से चालू कर दिया गया है. इसके अलावा बूम बैरियर तथा सुरक्षा के अन्य अत्याधुनिक प्रबंध किये जा रहे हैं. शुक्रवार की शाम को विधानसभा परिसर में सफेद पाउडर का एक और पैकेट मिलने की खबरों के बारे में एडीजी कानून व्यवस्था ने कहा कि इस पैकेट में मैगनिशियम सल्फेट नामक पदार्थ पाया गया था जो कि पैकिंग के काम में आता है. जिसे एटीएस ने अपने कब्जे में ले लिया है. इस बीच एटीएस सूत्रों ने बताया कि एटीएस की तीन टीमें विधानसभा परिसर में तैनात कर दी गयी हैं.
गौरतलब है कि 12 जुलाई की सुबह उप्र विधानसभा के अंदर विस्फोटक मिलने का खुलासा हुआ था. यह विस्फोटक 150 ग्राम की मात्रा में मिला था. मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि शुक्रवार रात मिले संदिग्ध पदार्थ की मात्रा बरामद पीइटीएन से ज्यादा थी. संदिग्ध पदार्थ को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है. सूत्र ने विधानसभा की सुरक्षा से जुड़े कर्मियों के हवाले से बताया कि यह पदार्थ पिछले चार-पांच साल से वहां पड़ा हुआ था और इसका इस्तेमाल दवा बनाने में किया जाता है. सूत्र ने बताया कि संदिग्ध पदार्थ विस्फोटक नहीं है.
पीइटीएन सबसे खतरनाक विस्फोटक
मालूम हो कि पीइटीएन दुनिया के सबसे खतरनाक विस्फोटकों में शुमार किया जाता है और आतंकवादी अक्सर विस्फोट करने में इसका इस्तेमाल करते हैं. इस गंधहीन पाउडर को ना तो मेटल डिटेक्टर से पकड़ा जा सकता है और ना ही खोजी कुत्ते इसका कोई सुराग दे पाते हैं.