यूपी में सपा को एक आैर झटका, आजम खान के बेहद करीबी एमएलसी ने थामा भाजपा दामन

लखनऊः उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को एक आैर झटका लगा है. विधानसभा चुनाव करारी शिकस्त के बाद से ही सपा को लगातार झटके लग रहे हैं. अभी हाल ही के दिनों में सपा के दो विधानपार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा दिया था. अब सपा की एक और विधानपार्षद ने भी पार्टी छोड़कर भाजपा का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 4, 2017 2:23 PM

लखनऊः उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को एक आैर झटका लगा है. विधानसभा चुनाव करारी शिकस्त के बाद से ही सपा को लगातार झटके लग रहे हैं. अभी हाल ही के दिनों में सपा के दो विधानपार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा दिया था. अब सपा की एक और विधानपार्षद ने भी पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है. खबर है कि मेरठ से विधानपार्षद सरोजनी अग्रवाल ने भाजपा में शामिल हो गयी हैं. सरोजनी अग्रवाल सपा के दिग्गज नेता आजम खान की करीबी रही हैं. रीता बहुगुणा जोशी और मंत्री महेंद्रसिंह ने सरोजिनी अग्रवाल को पार्टी में शामिल करवाया. इसके अलावा, सपा के दो विधानपार्षदों ने भी सपा छोड़कर भाजपा का दामन थामा है.

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बताया जाता है कि आजम खान ने ही उन्हें विधानपार्षद बनवाया था, जबकि अखिलेश सरकार में मंत्री रहे मेरठ के ही शाहिद मंजूर सरोजनी के विधानपार्षद बनाये जाने के खिलाफ थे. आजम की जिद पर उन्हें यह एमएलसी बनाया गया था. इससे पहले समाजवादी पार्टी से एमएलसी और राष्ट्रीय शिया समाज के संस्थापक बुक्कल नवाब ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उनके अलावा, एमएलसी यशवंत सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ ही बुक्कल नवाब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा भी की थी. इन दोनों के अलावा बीएसपी एमएलसी जयवीर सिंह ने भी इस्तीफा दे चुके हैं. जिस समय ये इस्तीफे हुए थे, उस समय बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह लखनऊ में ही थे.

इस्तीफे के बाद बुक्कल नवाब ने कहा था कि पिछले एक साल से मुझे बहुत घुटन महसूस हो रही थी. सपा लिखते वक्त यह सही नहीं लगता है. समाजवादी पार्टी अब ‘समाजवादी अखाड़ा’ बन गयी है. अखिलेश पर निशाना साधते हुए बुक्कल ने कहा कि यह स्पष्ट है कि जब वह अपने पिता के साथ नहीं है, तो वह किसके साथ हो सकते हैं. मैं मुलायम सिंह यादव का बहुत सम्मान करता हूं. सपा में और भी लोग इस्तीफा दे सकते हैं. इन इस्तीफों से 3 एमएलसी के पद खाली होंगे. इससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव और दिनेश शर्मा एमएलसी के तौर पर सदन में जा सकते हैं. ये तीनों अब तक किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं.

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