यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार का आदेश : मदरसों में फहराये तिरंगा, गायें राष्ट्रगान, करायें वीडियोग्राफी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में स्थित सभी मदरसों में आगामी स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराकर राष्ट्रगान गाने और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने के निर्देश दिये हैं. राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने आज यहां बताया कि देश के तमाम नागरिक होली, दीपावली, ईद और लोहड़ी के त्यौहार मनाते हैं. […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में स्थित सभी मदरसों में आगामी स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराकर राष्ट्रगान गाने और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने के निर्देश दिये हैं. राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने आज यहां बताया कि देश के तमाम नागरिक होली, दीपावली, ईद और लोहड़ी के त्यौहार मनाते हैं. वहीं, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को पूरा देश मनाता है. मदरसों को इससे अलग नहीं किया जाना चाहिये. वहीं, अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.उन्होंने कहाहै प्रधानमंत्री देश में हिंदुत्वकाप्रचारकरना चाहते हैं और धर्मनिरपेक्षता का देश में अंतकरनाचाहतेहैं. इस्लामी शिक्षण संस्था दारूल उलूम फरंग महल के प्रमुख और आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने इस संबंध में दिये गये वीडियोग्राफी के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसे मदरसों की देशभक्ति पर सवाल के तौर पर देखा जाना चाहिए.
Each education board independent & autonomous, can issue circular how Independence/Republic Day must be conducted in their schools: SN Singh pic.twitter.com/4pyLwd2gK5
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 11, 2017
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने हाल में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के उपनिदेशक तथा राज्य के सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को भेजे गये आदेश में कहा है कि आगामी स्वाधीनता दिवस पर राज्य के सभी मदरसों में झंडारोहण के साथ राष्ट्रगान गाया जाए.
वंदे मातरम का गायन अनिवार्य करना सिर्फ हिंदुत्व को बढ़ाने की कोशिश है : ओवैसी
आदेश में स्वाधीनता दिवस पर सभी मदरसों में छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्रीय गीतों का प्रस्तुतिकरण करने, स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि देने, उनके सम्बन्ध में बच्चों को बताने तथा राष्ट्रीय एकता पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने को कहा गया है.
आदेश में अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि वे मदरसों में स्वाधीनता दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों की तस्वीरें और वीडियो फुटेज प्राप्त करें, ताकि उत्कृष्ट श्रेणी के कार्यक्रमों को भविष्य में दोहराया या प्रोत्साहित किया जा सके.
मालूम हो कि प्रदेश में इस वक्त परिषद से मान्यता प्राप्त करीब 8000 मदरसे हैं. उनमें से 560 मदरसे राज्य सरकार के अनुदान से चलते हैं. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चौधरी ने यह आदेश जारी करने की वजह से बारे में पूछे जाने पर कहा कि सरकार का मानना है कि जो मदरसे उसके वित्तीय सहयोग से चल रहे हैं, कम से कम उन्हें तो स्वाधीनता दिवस समेत तमाम राष्ट्रीय पर्व मनाना चाहिए. इस दिन मदरसों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये विद्यार्थियों को हमारे स्वाधीनता संग्राम के समृद्ध इतिहास के बारे में बताया जाएगा, जिससे वे निश्चितरूप से प्रेरित होंगे.
चौधरी ने कहा कि जो लोग इस आदेश के पीछे सरकार की मंशा पर शक कर रहे हैं, मुझे राष्ट्रवाद के प्रति उनकी गंभीरता पर संदेह होता है. तुष्टीकरण की राजनीति करने वाली पूर्ववर्ती सरकारों के बरक्स मौजूदा भाजपा सरकार राष्ट्रवाद पर जोर दे रही है.
दारूल उलूम ने क्या कहा?
इस बीच, इस्लामी शिक्षण संस्था दारूल उलूम फरंग महल के प्रमुख और आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक देश-प्रदेश के मदरसों में स्वाधीनता दिवस पर तिरंगा फहराकर राष्ट्रगान गाया जाता रहा है. इसके अलावा विद्यार्थियों को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में भी बताया जाता रहा है. ऐसे में सरकार द्वारा यह आदेश जारी करने का क्या मतलब लगाया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जहां तक स्वतंत्रता दिवस समारोह की वीडियोग्राफी का सवाल है तो सरकार यह बताए कि क्या उसने यह आदेश प्रदेश के सभी स्कूलों के लिए जारी किया है, या यह फरमान सिर्फ मदरसों के लिए है. अगर ऐसा है तो क्या इसे मदरसों की देशभक्ति पर सवाल के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.
भाजपा की वरिष्ठ नेता रुमाना सिद्दीकी ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि 15 अगस्त हमारा स्वाधीनता दिवस है. जब देश के विभिन्न शिक्षण संस्थान इस दिन को जोश-ओ-खरोश से मनाते हैं तो इसमें मदरसे क्यों पीछे रहें. उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम का विरोध करने वालों को भारत छोड़ कर पाकिस्तान चले जाना चाहिए.