गोरखपुर हादसा : अब डॉक्टर कफील पर गिरी गाज, पद से हटाये गये

गोरखपुर : बीआरडी मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल में अपने मित्रों की मदद से ऑक्सीजन सिलेंडर जुटाने वाले डॉक्टर कफील पर यूपी सरकार ने गाज गिरा दी है. बताया जा रहा है कि डॉक्टर कफील को इंसेफलाइटिस विभाग के प्रमुख के पद से हटा दिया गया है. उन्हें उनके पद से हटा दिया गया है. उनकी जगह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2017 7:41 PM

गोरखपुर : बीआरडी मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल में अपने मित्रों की मदद से ऑक्सीजन सिलेंडर जुटाने वाले डॉक्टर कफील पर यूपी सरकार ने गाज गिरा दी है. बताया जा रहा है कि डॉक्टर कफील को इंसेफलाइटिस विभाग के प्रमुख के पद से हटा दिया गया है. उन्हें उनके पद से हटा दिया गया है. उनकी जगह पर महेश शर्मा को नया प्रमुख बनाया गया है. यह कार्रवाई केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के बाद की गयी है. सोशल मीडिया पर यूपी सरकार के इस कार्रवाई को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया सामने आ रही है.

उधर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि ‘ ‘इस मुद्दे पर मुझसे अधिक संवेदनशील और कौन हो सकता है. मैंने इस मुद्दे को सडक से संसद तक उठाया है. इस बीमारी की पीडा मुझसे ज्यादा और कौन समझेगा. ‘ ‘ योगी ने यह भी बताया कि प्रदेश के 35 जिलों में 90 लाख से ज्यादा बच्चों के टीकाकरण का सघन अभियान शुरु किया गया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर मेडिकल कालेज का यह उनका चौथा दौरा है.

मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा ‘ ‘पूर्वी उत्तर प्रदेश की बनावट ऐसी है कि हम संचारी रोगों से लडाई को तब तक नहीं जीत सकते जब तक यहां पूर्णकालिक वायरस रिसर्च सेंटर नहीं बन जाता. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने गोरखपुर को एम्स दिया है लेकिन यहां पूर्णकालिक वायरस रिसर्च सेंटर भी होना चाहिये ‘ ‘

कौन है डॉ. कफील अहमद
डॉ. कफील अहमद ऑक्सीजन की कमी से एक -के -बाद दम तोड़ रहे बच्चों के लिए फरिश्ता बनकर सामने आये. गुरूवार की रात जब दो बज रहे थे. अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की सूचना इंसेपेलाइटिस वार्ड के प्रभारी व बाल रोग विशेषज्ञ डा कफील अहमद को मिली. सूचना मिलते ही डॉक्टर की नींद उड़ गयी और आनन – फानन में वह अपने मित्र के पास पहुंचे. वहां से ऑक्सीजन के तीन जंबों सिलेंडर अपनी गाड़ी में लेकर शुक्रवार की रात तीन बजे सीधे बीआरडी अस्पताल पहुंचे . तीन सिलेंडरों से बालरोग विभाग में करीब 15 मिनट ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सकी.
रात भर किसी तरह से काम चल पाया लेकिन सुबह सात बजे ऑक्सीजन खत्म होते ही एक बार फिर पीड़ित बच्चों के जान पर खतरा मंडराने लगा. अस्पताल में मौजूद कर्मचारी किसी आपात स्थिति और भविष्य को लेकर घबराने लगे. उधर ऑक्सीजन सिलेंडर के खेप आने में काफी देर थी. कर्मचारियों ने लगातार गैस सप्लायर व बड़े अधिकारियों को फोन लगाया लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. डॉ. कफील अहमद एक बार फिर अपने चिकित्सक मित्रों के पास पहुंच गये और प्राइवेट अस्पताल से करीब एक दर्जन ऑक्सीजन सिलेंडर को ढुलवाया. मामले की गंभीरता को समझते हुए डॉ. कफील ने शहर के करीब छह ऑक्सीजन सप्लॉयर को फोन लगाया लेकिन किसी ने नकद भुगतान के बिना सिलेंडर रिफिल करने की बात नहीं स्वीकारी.
कफील अहमद ने अपने कर्मचारी को एटीएम दे तुरंत ऑक्सीजन सिलेंडर लाने को कहा.उधर डॉ. कफील अहमद को इस काम के लिए सोशल मीडिया में काफी सराहना की जा रही है. रूबी अरुण लिखती है, इससे बड़ी देशभक्ति क्या होगी, क्या फर्क पड़ता है कि डा. कफील वंदे मातरम गायें न गायें. गौरतलब है कि दो दिन पहले सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा था कि सरकारी मदरसों में वंदे मातरम को अनिवार्य कर दिया गया है. यूपी में योगी सरकार की मदरसा काउंसिल ने सभी सरकारी मदरसों में 15 अगस्त का कार्यक्रम मनाने का नोटिस भेजा है. जिसमें राष्ट्रगान के साथ-साथ राष्ट्रगीत वंदे मातरम गाने का भी आदेश दिया गया है.

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