लखनऊ : उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने थाने में जन्माष्टमी मनाने का बचाव करते हुए कुछ नये सवाल उठा दिये हैं. उन्होंने लखनऊ में प्रेरणा जनसंचार एवं सिद्ध संस्थान के एक कार्यक्रम में कहा है कि अगर आप सड़क परनमाजपढ़ने को रोक नहीं सकते तो थाने में जन्माष्टमी मनाने को कैसे रोक सकते हैं. उन्होंने अपनी बात की पुष्टि के लिए समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया और संघ विचारधारा के पंडित दीनदयाल उपाध्याय का संदर्भ दिया. योगी ने कहा कि दोनों मानते थे कि भगवान राम एवं भगवान कृष्ण ने देश को एक रूप दिया. उन्होंने कहा कि मुझे थाने में जन्माष्टमी रोकने का कोई अधिकार नहीं है.
उन्होंने कहा कि देश कोसांस्कृतिक एकता से जोड़ने वालों को सांप्रदायिक कहा जाता है. उन्होंने कहा है कि अगर हम कहें कि गर्व से कहो हम हिंदू हैं, तो हमें सांप्रदायिक कहा जायेगा. उन्होंने कहा कि आराम से नमाज पढ़िए, क्रिसमस मनाइए. पर, यह सबकुछ कानून को दायरे में होना चाहिए. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून का उल्लंघन होने पर समस्या उत्पन्न होती है.
योगी आदित्यनाथ ने कांवर यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार बड़ी संख्या में कांवरियों ने यात्रा की. उन्होंने कहा कि जब अधिकारियों ने बताया कि कांवर यात्रा में डीजे, गाने-बजाने पर प्रतिबंध है, तो मैंने उन्हें कहा कि यह कांवर यात्रा है या शव यात्रा. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांवर यात्रा में डमरू नहीं बजेंगे, झाल नहीं बजेंचे, चिमटे नहीं बचेंगे तो क्या बजेगा.