लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नेगुरुवारको कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों को किसानों की समस्याओं से कोई मतलब नहीं था, लेकिन अब स्थिति बदल गयी है और उत्तर प्रदेश में किसानों पर केंद्रित राजनीति होगी. योगी ने यहां ‘उत्तर प्रदेश फसल ऋण मोचन योजना’ के तहत पात्र किसानों कोऋण मोचन प्रमाण पत्र वितरण समारोह में कहा कि पिछले 14-15 साल के दौरान पूर्ववर्ती सरकारों के एजेंडा में किसान नहीं रहा. यही वजह है कि देश की सबसे उर्वरा भूमिवाले उत्तर प्रदेश का किसान बदहाल होता गया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति अब संकीर्णताओं के दायरे से बाहर निकलेगी. परिवार, मत और संप्रदाय पर केंद्रित राजनीति के दिन अब लद गये. अब राज्य में किसानों और युवाओं पर केंद्रित राजनीति होगी.
योगी ने कहा कि पिछले 15 वर्षों के दौरान किसानों की दशा बहुत खराब हुई. राजनीति का अपराधीकरण हुआ. वर्तमान सरकार उत्तर प्रदेश से भ्रष्टाचार को समाप्त करते हुए सुशासन लायेगी. किसान की कोई जाति और मजहब नहीं होता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वच्छ, भ्रष्टाचार व जातिवाद मुक्त भारत के निर्माण में अपना सकारात्मक योगदान देगी. उन्होंने कहा कि सत्ता में आते ही राज्य सरकार ने अपनी पहली ही बैठक में प्रदेश के किसानों के फसली ऋण माफी का फैसला लिया, जिससे 86 लाख लघु एवं सीमांत किसानों को राहत मिली. इसके लिए उत्तर प्रदेश फसल ऋण मोचन योजना लागू की गयी. राज्य सरकार किसानों के उत्थान के लिए हर प्रकार के प्रयास करेगी, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसे पूरा किया जा सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बनने से पहले हमने प्रण किया था कि सत्ता में आने के उपरांत किसानों के फसली ऋण हर हाल में माफ किये जायेंगे. यह ऋण माफी किसानों के उपर कोई एहसान नहीं है, बल्कि ये उनका हक है. कार्यक्रम के दौरान लखनऊ जनपद के 7,574 किसानों को लाभान्वित किया गया. पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर इस योजना के तहत पात्र किसानों को लाभान्वित किया जायेगा.
योगी ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हक में ऐसी व्यवस्था करने जा रही है, जिसमें किसानों के राजस्व खाते, खतौनी इत्यादि आवश्यक विवरण उनके आधार नंबर से जोड़े जायेंगे, जिसके चलते अब उनकी जमीनों को हडप पाना मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को हर प्रकार की सुरक्षा प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के कार्यकालों के दौरान किसानों को खाद, बीज लेने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता था और अक्सर लाठियां भी खानी पड़ती थीं, लेकिन जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्ववाली सरकार बनी है, स्थिति बदल गयी है. अब उत्तर प्रदेश में इस सरकार के कार्यकाल में किसानों को खाद, बीज के लिए कोई संघर्ष नहीं करना पड़ रहा है. खेती के लिए आवश्यक वस्तुएं खाद बीज इत्यादि आसानी से किसान को उपलब्ध हो रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने फसल ऋण मोचन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इसके तहत राज्य सरकार द्वारा लघु एवं सीमांत किसानों द्वारा 31 मार्च, 2016 तक लिये गये फसली ऋण में 2016-17 में जमा की गयी धनराशि को घटाते हुए 31 मार्च, 2017 तक बकाया धनराशि का एक लाख रुपये की सीमा तक ऋण मोचन करने का फैसला लिया गया है. इस निर्णय के फलस्वरुप 86 लाख लघु एवं सीमांत किसान लाभान्वित होंगे. इससे प्रदेश सरकार पर 36 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय भार आया है, जिसकी भरपाई राज्य सरकार द्वारा वित्तीय अनुशासन कायम रखते हुए की गयी है.