गोरखपुर : बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन से कमी से मौत के मामले को लेकर आज एसटीएफ ने डॉक्टर कफील को गिरफ्तार कर लिया है. गौरतलब है कि हादसे के वक्त डॉक्टर कफील गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में बाल विभाग के अध्यक्ष थे.शुक्रवार को ही डॉ कफील के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था. जिसके बाद पुलिस ने कहा था कि अगर डॉ कफील सात दिन के अंदर सरेंडर नहीं करते हैं तो उनके घर की कुर्की की जाएगी.
गौरतलब है कि 100 बेड वार्ड के इंचार्ज रहे डॉक्टर कफील खान के घर केस दर्ज होने के बाद से पुलिस छह बार उनके घर दबिश दे चुकी थी. फरार डॉक्टर कफील पुलिस के सामने नहीं आये लेकिन सोशल मीडिया में वह लगातार खुद को निर्दोष साबित करते रहे.10 और 11 अगस्त को कथित रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने के कारण 36 बच्चों की मौत हो गयी थी. शुरूआती जांच में प्रधानाचार्य समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अलावा ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता कंपनी को एक जांच समिति ने प्रथम दृष्टया जिम्मेदार ठहराया गया था.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले में हुए इस हादसे के बाद सवाल उठने लगे थे. मीडिया में किरिकिरी होने के बाद उन्होंने घटना की जांच का जिम्मा यूपी के मुख्य सचिव राजीव कुमार को दिया था. राजीव कुमार ने सीएम को जांच सौंप कर कार्रवाई की संस्तुति दी थी. डॉक्टर कफिल की गिरफ्तारी के पहले बीआरडी अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ राजीव मिश्र और उनकी पत्नी डॉ पूर्णिमा शुक्ला को पुलिस ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लिया था.
गोरखपुर कोर्ट ने सात अन्य डॉक्टर्स के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था, जोकि पिछले काफी दिनों से फरार हैं. गोरखपुर हादसे में जो लोग पुलिस की पूछताछ से बच रहे हैं और फरार हैं, इसमें एनेस्थिसिया के हेड डॉ सतीथ कुमार, एईएस विभाग के हेड डॉ कफील खान, पुष्पा सेल्स के मनीष भंडारी, चीफ फार्मासिस्ट गजेंद्र जयसवाल, अकाउंट डिपार्टमेंट का क्लर्क उदय प्रताप सिंह, संजय कुमार, सुधीर कुमार है. इन लोगों के खिलाफ धारा 120-बी, 308 और 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
मीडिया में डॉक्टर कफील की हुई थी तारीफ
हादसे के दूसरे दिन मीडिया में डॉक्टर कफील की काफी तारीफ हुई थी. बताया जा रहा था कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की सूचना इंसेपेलाइटिस वार्ड के प्रभारी व बाल रोग विशेषज्ञ डा कफील अहमद को मिली. सूचना मिलते ही डॉक्टर की नींद उड़ गयी और आनन – फानन में वह अपने मित्र के पास पहुंचे. वहां से ऑक्सीजन के तीन जंबों सिलेंडर अपनी गाड़ी में लेकर शुक्रवार की रात तीन बजे सीधे बीआरडी अस्पताल पहुंचे . तीन सिलेंडरों से बालरोग विभाग में करीब 15 मिनट ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सकी.