12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UP के मदरसा शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी, राज्य अध्यापक पुरस्कार 2016-17 के लिए आवेदन आमंत्रित

लखनऊ: प्रदेश सरकार द्वारा अरबी-फारसी मदरसों के अध्यापकों अध्यापिकाओं को 2016-17 के राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए आवेदन मांगे गये हैं. यह आवदेन सम्बन्धित जिलों के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के कार्यालय में आगामी 11 से 29 सितम्बर, 2017 तक जमा किये जा सकते हैं. यह जानकारी अल्पसंख्यक निदेशक एन.पी. पाण्डेय, ने […]

लखनऊ: प्रदेश सरकार द्वारा अरबी-फारसी मदरसों के अध्यापकों अध्यापिकाओं को 2016-17 के राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए आवेदन मांगे गये हैं. यह आवदेन सम्बन्धित जिलों के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के कार्यालय में आगामी 11 से 29 सितम्बर, 2017 तक जमा किये जा सकते हैं. यह जानकारी अल्पसंख्यक निदेशक एन.पी. पाण्डेय, ने दी. उन्होंने बताया कि राज्य पुरस्कार हेतु वही शिक्षक पात्र होंगे, जिन्हें प्रधानाध्यापक अध्यापक या सहायक अध्यापक (तहतानिया, फौकानियां, आलिया) अथवा प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक में रूप में दोनों पदों पर कार्यरत रहने की सेवाओं को जोड़ते हुए कुल 15 वर्ष के नियमित शिक्षण कार्य का सन्तोष जनक अनुभव हो.

विशिष्ट श्रेणी के शिक्षकों के संबंध में प्रधान अध्यापक एवं सहायक अध्यापक के रूप में दोनों पदों की सेवाओं को जोड़ते हुए कुल 10 वर्ष के नियमित शिक्षण कार्य का अनुभव होना अनिवार्य है. पाण्डेय ने बताया कि प्रबन्धकानिरीक्षक तथा प्रशिक्षण संस्थानों के कर्मचारी इस पुरस्कार के लिए पात्र नहीं होंगे. सेवानिवृत्त शिक्षकों पर विचार नहीं किया जायेगा, किंतु सेवानिवृत्ति के पूर्व यदि राज्य पुरस्कार हेतु उसका आवेदन पत्र अग्रसारित कर दिया गया है, तो इस पर विचार किया जायेगा.

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ और हज मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि हम निश्चित ही मदरसा शिक्षकों को सम्मानित करना चाहते हैं. सरकार का प्रयास है कि मदरसों में शिक्षा का स्तर बेहतर हो, मदरसे के छात्र खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के साथ-साथ तकनीकी जानकारी भी हासिल करें. इसके अलावा मदरसे के छात्र विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं तथा मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में भी भाग लें. उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षकों को सम्मानित करने का मकसद है उनके काम को पहचान और सम्मान देना है.

स्वतंत्रता दिवस पर मदरसों में वीडियोग्राफी कराये जाने के आदेश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस काम के पीछे मदरसों में छिपी प्रतिभा को पहचानना था, ताकि उनके लिये बेहतर काम किया जा सके. सरकार के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुये भाजपा नेता रुमाना सिद्दीकी ने कहा कि भाजपा कभी जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती है. हम कभी भी बंटवारे की राजनीति पर भरोसा नहीं करते और हम समाज के सभी वर्गों को एक साथ लेकर सबका साथ सबका विकास के सिद्धांत पर काम करते हैं.

यह भी पढ़ें-
पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को लेकर मायावती की बड़ी मांग, कहा- एनआईए करे जांच

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें