मायावती का अारोप, यूपी में अब राजनीतिक हत्याओं का दौर शुरू

लखनऊ : बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में जातिवादी एवं सांप्रदायिक घटनाओं के बाद अब राजनीतिक हत्याओं का दौर शुरू हो गया है. मायावती ने एक बयान में उत्तर प्रदेश में लगातार बिगड़ती हुई कानून-व्यवस्था पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए आरोप लगाया, प्रदेश में जातिवादी, सांप्रदायिक घटनाओं के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2017 9:33 AM

लखनऊ : बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में जातिवादी एवं सांप्रदायिक घटनाओं के बाद अब राजनीतिक हत्याओं का दौर शुरू हो गया है. मायावती ने एक बयान में उत्तर प्रदेश में लगातार बिगड़ती हुई कानून-व्यवस्था पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए आरोप लगाया, प्रदेश में जातिवादी, सांप्रदायिक घटनाओं के बाद अब राजनीतिक हत्याओं का भी दौर शुरू हो गया है. जिसका ही दुष्परिणाम है कि बसपा के कर्मठ साथी राजेश यादव (जिला भदोही) की इलाहाबाद में गोली मारकर हत्या कर दी गयी है.

मायावती ने कहा कि राजेश यादव बसपा कार्यकर्ता थे तथा इसी बार भदोही की ज्ञानपुर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़े थे. उनकी हत्या ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है. उन्होंने बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर, बसपा विधायक दल के नेता लालजी वर्मा एवं वरिष्ठ नेता अम्बिका चौधरी के तीन-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को तत्काल मिर्जापुर मंडल के अंतर्गत भदोहीजिला जाने का निर्देश दिया है जो मृतक परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना देने के साथ-साथ उन्हें न्याय दिलाने का भी भरोसा दिलायेगा. मायावती ने प्रदेश सरकार से दोषी लोगों की तत्काल गिरफ्तारी एवं उन्हें सख्त सजा दिलाने की मांग की.

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इस जघन्य हत्या के अलावा दशहरा और मोहर्रम के दौरान भी उत्तर प्रदेश के लगभग एक दर्जन से अधिक जिलों में तनाव एवं हिंसा की वारदात हुईं हैं, जो अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में योगी सरकार की विफलता को साबित करती है. उन्होंने कहा कि खासकर भाजपा शासित राज्यों में कट्टरवादी सांप्रदायिक व जातिवादी तत्वों द्वारा सरकारी संरक्षण में हर स्तर पर आपराधिक कृत्य किया जा रहा है जिस कारण समाज में काफी ज्यादा जातिवादी, सांप्रदायिक व राजनीतिक तनाव का माहौल है.

ये भी पढ़ें…सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले अखिलेश-शिवपाल में सुलह की कोशिशें तेज!

Next Article

Exit mobile version