मोदी ने युवाओं से शराब की लत से लड़ने में मांगी मदद, उमिया धाम आश्रम का किया उदघाटन
हरिद्वार/लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि वह युवा शराब पीने की प्रवृत्ति से लड़ने और लोगों में सफाई और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है. प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री काल के दौरान कन्या भ्रूण हत्या को बंद करके राज्य के कुछ […]
हरिद्वार/लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि वह युवा शराब पीने की प्रवृत्ति से लड़ने और लोगों में सफाई और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है. प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री काल के दौरान कन्या भ्रूण हत्या को बंद करके राज्य के कुछ हिस्सों में कम लिंगानुपात को बेहतर करने या भूकंप प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाने के उनके प्रयासों में पूर्व में संस्थान द्वारा दिये गये सहयोग को याद करते हुए कहा कि वह युवा पीढ़ी को शराब पीने की लत जैसी बुरी आदतों की गिरफ्त में आने से बचाने और उन्हें पर्यावरण संरक्षण तथा सफाई जैसी आदतों को अपनाने के लिये प्रेरित करे.
यहां मां उमिया धाम आश्रम के उदघाटन के मौके पर संस्थान से जुड़े लोगों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने युवा पीढ़ी में शराब पीने की बढ़ती प्रवृत्ति पर अपनी चिंता जताते हुए कहा कि अगर इस आदत को बढ़ने की अनुमति दी गयी तो आनेवाले 2025 सालों में यह समाज को बर्बाद कर देगी. मोदी ने कहा, मैं आपके साथ यह चिंता आपके बीच में ही रह कर बड़े हुए एक व्यक्ति के रूप में साझा कर रहा हूं, न कि एक प्रधानमंत्री के रूप में. क्या आप यह खबर नहीं सुनते कि युवा पीढ़ी खास तौर पर लड़के शराब पीने तथा उन चीजों की आदत की गिरफ्त में आ रहे हैं जिनसे हमारे पुरखे नफरत करते थे. अगर हम इस प्रवृत्ति को बढ़ने देंगे तो 2025 सालों में हमारा समाज बर्बाद हो जायेगा.
उन्होंने कहा, मैं सामाजिक दायित्वों में आपके योगदान को देखते हुए अपील करूंगा कि आप युवा पीढ़ी को गुमराह होने से रोकें. संस्थान के देश भर में फैले करोड़ों अनुयायियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने उनसे सफाई और पर्यावरण के प्रति भी अपना कीमती योगदान देने को कहा. मोदी ने सुझाव दिया कि आश्रम आनेवाले भक्तों से यह पूछा जाये कि उन्होंने घर पर शौचालय बनाया है या नहीं और उन्हें एक पौधा देकर उनसे उसकी देखभाल उतनी ही श्रद्धा और भक्ति के साथ करने को कहा जाये जितनी वे मां उमिया की पूजा करने के दौरान मन में रखते हैं. उन्होंने कहा कि इससे खुले में शौच की प्रथा से मुक्ति मिलेगी तथा पर्यावरण साफ और हरा-भरा रहेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उमिया संस्थान द्वारा खोली गयी धर्मशाला से पूरे उत्तर भारत खास तौर से हरिद्वार, ऋषिकेश, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे प्रमुख तीर्थस्थलों वाले उत्तराखंड में पर्यटन को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा. मोदी ने कहा कि सर्किट पर्यटन एक आधुनिक शब्द हो सकता है, लेकिन यह अवधारणा युगों से भारत की पंरपरा का हिस्सा रही है क्योंकि इस देश के लोग आस्था के प्रमुख स्थलों तक पहुंचने के लिए पहले से ही काफी लंबी-लंबी यात्राएं करते रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के चार धामों की यात्रा पर जानेवाले तीर्थयात्रियों के लिए हरिद्वार में एक विशाल धर्मशाला स्थापित करने के लिए संस्थान को बधाई दी और कहा कि हिमालयी धामों के दर्शन के लिए जानेवाले लोगों के लिए यह सुविधा बहुत लाभदायक होगी और राज्य में धार्मिक पर्यटन को सही मायनों में बढ़ावा मिलेगा. गुजरात में एक युवा स्वयंसेवी के रूप में मां उमिया देवी उत्सव में भाग लेने के दौरान अपने उत्साह को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने सभा को बताया कि वह उनके बीच में रह कर ही बड़े हुए हैं. समय की कमी के कारण व्यक्तिगत रूप से उदघाटन समारोह में उपस्थित न रह पाने के लिए उन्होंने आयोजकों से क्षमा मांगी, लेकिन इस महान मौके पर उनसे बात करना संभव बनाने के लिए तकनीक का आभार भी जताया.