संगीत सोम ने ताजमहल को बुकलेट से बाहर करने को बताया ”इतिहास बदलने का काम”, ओवैसी-अबदुल्ला बरसे

लखनऊ : दुनिया के सात आश्चर्यों में शामिल रह चुके ताजमहल को लेकर खड़ा किया गया विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पश्चिमी उत्तरप्रदेश से भाजपा के बड़बोले विधायक संगीत सोम ने ताजमहल को यूपी टूरिज्म के बुकलेट में शामिल नहीं किये जाने के फैसले को सही ठहराया है. उन्होंने कहा है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2017 1:50 PM

लखनऊ : दुनिया के सात आश्चर्यों में शामिल रह चुके ताजमहल को लेकर खड़ा किया गया विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पश्चिमी उत्तरप्रदेश से भाजपा के बड़बोले विधायक संगीत सोम ने ताजमहल को यूपी टूरिज्म के बुकलेट में शामिल नहीं किये जाने के फैसले को सही ठहराया है. उन्होंने कहा है कि बहुत से लोगों को इस बात से दुख हुआ कि ताजमहल को यूपी टूरिज्म बुकलेट के ऐतिहासिक स्थानों की सूची से हटा दिया गया है… हम किस इतिहास की बात कर रहे हैं? कैसा इतिहास? वह इतिहास कि ताजमहल बनाने वाले ने अपने बाप को कैद कर लिया था, जिसने हिंदुओं का सर्वनाश करने का काम किया था. ऐसे लोगों का आज भी इतिहास में नाम होगा तो यह दुर्भाग्य की बात होगी. इतिहास बदला जा रहा है. उत्तरप्रदेश व हिंदुस्तान में जो इतिहास बिगाड़ने का काम हुअा है, उसे बदलने का काम किया जा रहा है. उत्तरप्रदेश व हिंदुस्तान की सरकार यह काम कर रही है. इतिहास में भगवान राम से शिवाजी राव को शामिल किया जा रहा है.

उधर, संगीत सोम के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए हैदराबाद से एमआइएम पार्टी के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि यह सरकार इतिहास से नफरत में अंधी हो गयी है…मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि दुनिया की सांस्कृतिक धरोहरों की सूची से ताजमहल को हटवाने के लिए यूनेस्स्को से कहें…सभी से कहें कि अगर आप भारत आते हैं, तो ताजमहल देखने मत जाइए. ओवैसी ने कहा है कि यहां तक कि हैदराबाद हाॅउस को भी गद्दारों ने ही बनवाया था, तो क्या पीएम वहां विदेशी मेहमानों की मेजबानी छोड़ देंगे?

इस विवाद में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी कूदे हैं. उन्होंने ट्वीट किया – अब 15 अगस्त पर लालकिले से भाषण नहीं होगा? प्रधानमंत्री नेहरू स्टेडियम से राष्ट्र को संबोधित करेंगे, जो कुछ दिलों में अगाध उत्साह एवं खुशी भर देगा. उल्लेखनीय है कि जून में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा बनवाया गया प्यार का स्मारक भारतीय संस्कृति का परिचायक नहीं है.

दुनिया भर मेें हिंदुस्तान की प्रतीक के रूप में जगह बना चुके ताजमहल को उत्तरप्रदेश के पर्यटन प्रसार से जुड़ी एक बुकलेट में हाल में जगह नहीं दी गयी थी, तब यह मामला गरमाया था.तबराज्य की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने इस विवाद के बादसफाई दी थी कि ताजमहलहमारी सांस्कृतिकविरासत है और दुनिया के सबसे मशहूर पर्यटन स्थलों में शुमार किया जाता है. अब फिर सत्ताधारी पार्टी के विधायक ने विवादस्पद टिप्पणी कर विवाद खड़ा कर दिया है.

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