उत्तर प्रदेश : PM मोदी की तुलना तानाशाह किम जोंग उन से करने वाले पोस्‍टर लगाने वालों पर FIR

नयी दिल्‍ली : सिक्कों की समस्‍या से पूरा देश जूझ रहा है, इससे सभी वाकिफ हैं. इसी परेशानी से परेशान कानपुर में व्‍यापारियों द्वारा लगाया गया एक पोस्‍टर उनके लिए परेशानी का सबब बन गया. पोस्‍टर में पीएम नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग उन की तुलना करने के कारण व्‍यापारियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2017 10:14 PM

नयी दिल्‍ली : सिक्कों की समस्‍या से पूरा देश जूझ रहा है, इससे सभी वाकिफ हैं. इसी परेशानी से परेशान कानपुर में व्‍यापारियों द्वारा लगाया गया एक पोस्‍टर उनके लिए परेशानी का सबब बन गया. पोस्‍टर में पीएम नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग उन की तुलना करने के कारण व्‍यापारियों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है. व्‍यापारियों की समस्‍या है कि ग्राहक जबरन उन्‍हें सिक्‍के देकर चले जाते हैं, लेकिन बैंक या बड़े कारोबारी उन सिक्‍को को लेने से इनकार करते हैं. ऐसे में व्‍यापार चौपट होने का खतरा है.

कानपुर में पुलिस ने पोस्‍टर मामले में 23 कारोबारियों पर मामला दर्ज कर लिया है और पोस्‍टर लगाने वाले एक मजदूर को हिरासत में ले लिया है. लगाये गये पोस्‍टर में एक तरफ तानाशाह किम जोंग उन की तसवीर लगाकर लिखा गया था, ‘मैं दुनिया मिटाकर दम लूंगा.’ वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी की तसवीर लगाकर लिखा गया, ‘मैं व्‍यापार मिटाकर दम लूंगा.’ यह पोस्‍टर खुदरा किराना व्‍यापार संघ की ओर से लगाया गया था.

पोस्‍टर में बड़े अक्षरों में लिखा था, ‘रेजगारी का आपातकाल.’ साथ ही से भी लिखा था कि मोदी जी अपने मन की बात में समझायें कि रेजगारी हम कहां चलायें. पोस्‍टर लगाने के बाद स्‍थानीय प्रशासन हरकत में आयी और इसे गैरकानूनी बताते हुए 23 व्‍यापारियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कर, पोस्‍टर लगाने वाले मजदूर को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने मामले में यूपी स्पेशल पावर्स एक्ट की धारा 32 (3), आईपीसी की धारा 153 ए और 505 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.

दूसरी तरफ खुदरा व्यापारी पुलिस की कार्रवाई पर भड़क गये हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि पोस्टर लगाने से पहले हमने जिलाधिकारी और बैंक अधिकारियों को लिखित समस्‍या से अवगत कराया था. समाचार पत्रों के माध्‍यम से अपने मुद्दे को उठाया लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. व्‍यापारियों का कहना है कि हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं, और हमें विरोध-प्रदर्शन के लिए पोस्टर -बैनर लगाने का अधिकार है.

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