पद्मश्री पर्वतारोही अरुणिमा पर बनेगी फिल्म, ट्रेन से पैर कट जाने के बाद किया था एवरेस्ट फतह
लखनऊ : सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी, मिल्खा सिंह और मैरी कॉम जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के बाद अब विश्व रिकॉर्ड धारी पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा की संघर्षगाथा भी रुपहले पर्दे पर उतरेगी. लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अरुणिमा सिन्हा के जीवन पर फिल्म बनने की बात तय हो गयी है. द लंचबॉक्स जैसी बेहद प्रशंसित फिल्म […]
लखनऊ : सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी, मिल्खा सिंह और मैरी कॉम जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के बाद अब विश्व रिकॉर्ड धारी पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा की संघर्षगाथा भी रुपहले पर्दे पर उतरेगी. लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अरुणिमा सिन्हा के जीवन पर फिल्म बनने की बात तय हो गयी है. द लंचबॉक्स जैसी बेहद प्रशंसित फिल्म बनानेवाली डार मोशन पिक्चर्स ने उनके जीवन पर फिल्म बनाने का फैसला किया है और शुक्रवार दोपहर बाद राजभवन में इससे संबंधित दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये जायेंगे. अरुणिमा ने बताया डार मोशन पिक्चर्स ने उनके जीवन पर फिल्म बनाने का फैसला किया है और अपराह्न तीन बजे राजभवन में वह और कंपनी के प्रोड्यूसर विवेक रंगाचारी इस फिल्म के अनुबंध पर दस्तखत करेंगे.
कृत्रिम पैर के सहारे एवरेस्ट फतह करनेवाली दुनिया की एकमात्र महिला अरुणिमा ने बताया कि यह फिल्म वर्ष 2018 तक पूरी हो जाने की संभावना जतायी गयी है. बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री कंगना रनौत ने उनका किरदार निभाने में दिलचस्पी दिखायी है. कंगना फिल्म का निर्देशन भी करना चाहती हैं. उन्होंने बताया कि डार मोशन पिक्चर्स ने ग्लोबल रॉयल्टी को लेकर उनकी तमाम शर्तें मान ली है.
गौरतलब है कि जाने-माने फिल्म निर्देशक एवं अभिनेता फरहान अख्तर ने भी अरुणिमा के संघर्षपूर्ण जीवन पर फिल्म बनाने में दिलचस्पी दिखायी थी, लेकिन रॉयल्टी संबंधी अरुणिमा की शर्तों पर बात नहीं बनने की वजह से मामला आगे नहीं बढ़ सका था. अरुणिमा ने बताया कि फिल्म बनाने के लिए डार मोशन पिक्चर्स ने उनसे संपर्क किया था. शुरू में इस फिल्म को हिंदी में बनाया जायेगा. बाद में सब टाइटल का इस्तेमाल करके इसे पूरी दुनिया में प्रदर्शित किया जायेगा. फिलहाल फिल्म का नाम नहीं सुझाया गया है. अरुणिमा ने बताया कि उनके संघर्ष भरे दौर में उनका साथ देनेवाले उनके बहनोई और एवरेस्ट पर आरोहण के दौरान उनका साथ देनेवाले शेरपा के किरदारों के लिए इरफान खान और रणदीप हुड्डा का नाम लिया जा रहा है. हालांकि, अभी कुछ भी तय नहीं है.
अरुणिमा को अप्रैल 2011 में कुछ बदमाशों ने लूट का विरोध करने पर ट्रेन से फेंक दिया था और दूसरी पटरी पर आ रही ट्रेन की चपेट में आने से उनका एक पैर कट गया था. निराशा के अंधेरों के बीच अपने मजबूत इरादों के बल पर उन्होंने कृत्रिम एक कृत्रिम पैर के सहारे 21 मई, 2013 को दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी एवरेस्ट को फतह किया था. उनकी संघर्षगाथा और उपलब्धियों को देखते हुए सरकार ने उन्हें पद्मश्री से नवाजा था.