Loading election data...

रेलवे अधिकारी ने लिखा बॉलीवुड फिल्म के लिए गीत, यू-ट्यूब पर मिले 37.8 लाख हिट्स

लखनऊ : फन का कोई दायरा नहीं होता इस बात को सही साबित करते हुए रेलवे के एक अधिकारी का लिखा एक गीत इन दिनों लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है. शुक्रवार को रिलीज होनेवाली राजकुमार राव अभिनीत फिल्म ‘शादी में जरूर आना’ के इस गीत को यू-ट्यूब पर अब तक करीब 35 लाख […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2017 2:21 PM

लखनऊ : फन का कोई दायरा नहीं होता इस बात को सही साबित करते हुए रेलवे के एक अधिकारी का लिखा एक गीत इन दिनों लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है. शुक्रवार को रिलीज होनेवाली राजकुमार राव अभिनीत फिल्म ‘शादी में जरूर आना’ के इस गीत को यू-ट्यूब पर अब तक करीब 35 लाख हिट मिल चुके हैं. उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर), इलाहाबाद के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी गौरव कृष्ण बंसल ने आज बताया कि रत्ना सिन्हा द्वारा निर्देशित फिल्म शादी में जरूर आना के लिए उन्होंने ‘ठुकरा के दिल मेरा इंतेकाम देखेगी…’ गीत लिखा है. 30 अक्तूबर को रिलीज हुए इस गाने को यू-ट्यूब पर अब तक करीब 35 लाख हिट्स मिले हैं.

https://www.youtube.com/watch?v=BiVyN2ftrrs?ecver=1

वर्ष 2000 बैच के आईआरटीएस अधिकारी बंसल ने बताया, मेरे लिखे इस गीत को इतना ज्यादा पसंद किया जा रहा है. इससे मेरा उत्साह बढ़ा है. ऐसा लगता है कि मैं सीक्रेट सुपरस्टार बन गया हूं. रेलवे के एक अधिकारी का बॉलीवुड गीत लिखने का इत्तेफाक कैसे पेश आया, इस सवाल पर बंसल ने बताया कि इलाहाबाद उत्तर मध्य जोन सांस्कृतिक केंद्र में फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्होंने फिल्म के निर्माता विनोद बच्चन और निर्देशक रत्ना सिन्हा से मुलाकात की थी.

बंसल ने बताया कि उन्होंने फिल्म का एक गीत लिखने की ख्वाहिश जताते हुए रत्ना और विनोद को अपनी कुछ कविताएं सुनायीं. इस पर उन्होंने एक कविता को अपनी फिल्म का गीत बनाने का फैसला कर लिया. इस गीत को आनन्द और कृष्णा बेउरा ने अपनी आवाज दी है. उन्होंने बताया कि राजकुमार राव और कृति खरबंदा की मुख्य भूमिकाओं वाली इस फिल्म के दोनों मुख्य किरदार उत्तर प्रदेश के हैं. इनमें से नायक इलाहाबाद का, जबकि नायिका कानपुर की है. लिहाजा इन दोनों ही शहरों में फिल्म की शूटिंग की गयी है.

बंसल ने बताया कि उन्हें शुरू से ही लिखने और कविताएं रचने का शौक था और रेलवे की नौकरी भी उनके इस शगल में कभी बाधा नहीं बनी. उनकी पत्नी हमेशा चाहती थीं कि वह फिल्मों में भी गीत लिखें, लेकिन नौकरी के बंधन की वजह से वह मुंबई जाकर संघर्ष नहीं कर सकते थे. बहरहाल, बंसल अक्सर कवि सम्मेलनों में शिरकत करते हैं और गोपाल दास नीरज, अशोक चक्रधर और सुरेंद्र शर्मा जैसे कवियों के साथ मंच साझा कर चुके हैं.

Next Article

Exit mobile version