लखनऊ : लखनऊ में आयोजित साहित्य महोत्सव में जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के कन्हैया कुमार के साथ अभद्रता किए जाने के बाद जिला प्रशासन ने इसे रद्द कर दिया. प्रशासन ने कहा कि आयोजकों ने पुस्तक मेले की इजाजत ली थी न कि किसी गोष्ठी या फेस्टिवल की. राजधानी के शीरोज हैंगआउट में कल रात से तीन दिन तक चलने वाले साहित्य महोत्सव को भारी हंगामे के बाद जिला प्रशासन ने पहले ही दिन रद्द कर दिया. इस कार्यक्रम में कन्हैया कुमार और फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने हिस्सा लिया था.
लखनऊ साहित्य महोत्सव के संस्थापक आयोजक शमीम आरजू ने मीडिया को बताया कि कल रात पहला सत्र फिल्म अभिनेत्री दिव्या दत्ता का था जिसमें उन्होंने अपनी किताब के बारे में चर्चा की. इसके बाद जेएनयू के कन्हैया कुमार अपनी पुस्तक की चर्चा के लिये मंच पर आये तभी किसी संगठन से जुडे कई लोग वहां आकर हंगामा और तोडफोड करने लगे. पुलिस ने आकर मामला शांत कराया जिसके बाद फिल्म अभिनेता शत्रुघन सिन्हा की पुस्तक पर चर्चा हुई. आरजू ने कहा कि आज एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी का कार्यक्रम होने वाला था लेकिन अब यह नहीं होगा। इस कार्यक्रम को फेसबुक लाइव किया जायेगा.
इस मुद्दे पर लखनऊ के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने आज कहा कि साहित्य महोत्सव के आयोजकों ने केवल पुस्तक मेले के आयोजन के लिये जिला प्रशासन से अनुमति ली थी, आयोजकों ने महोत्सव में किसी नेता या अभिनेता के शिरकत करने, भाषण देने या किसी ऐसी गोष्ठी के आयोजन की जानकारी नहीं दी थी. नियमों एवं शर्तों का उल्लंघन किया गया, इसी कारण कार्यक्रम के लिये दी गयी अनुमति खारिज की जाती है. डीएम ने कहा कि शहर में निकाय चुनाव के कारण पहले से ही आचार संहिता लगी हुई है और कल शाम आयोजित महोत्सव में नेता, अभिनेता आयेंगे, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गयी थी और इसलिए वहां सुरक्षा के इंतजाम नहीं किये गये थे. साहित्य महोत्सव के आयोजक शमीम ने कहा, हमने जिला प्रशासन को इस महोत्सव की जानकारी दी थी, लेकिन तब केवल दिव्या दत्ता का कार्यक्रम होना था. बाद में अन्य वक्ताओं के कार्यक्रम के प्रस्ताव आये. कन्हैया कुमार इस कार्यक्रम में आ रहे हैं, यह बात कई दिन पहले से अखबारों में छप रही है इसलिये प्रशासन को इसे संज्ञान में लेना चाहिए था.
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