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लोकतंत्र में सबको सबकी आलोचना का अधिकार : रवि शंकर प्रसाद

लखनऊ : गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आज कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को दूसरे की आलोचना करने का अधिकार है. केंद्रीय विधि एवं इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2017 9:01 PM

लखनऊ : गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आज कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को दूसरे की आलोचना करने का अधिकार है. केंद्रीय विधि एवं इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि एक बात समझने की कोशिश कीजिए. उत्तर प्रदेश में दो लड़के (राहुल एवं अखिलेश यादव) साथ आये. गुजरात में चार लड़के (हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवानी, अल्पेश ठाकोर एवं राहुल गांधी) साथ आये. एक दिल्ली से गया जबकि बाकी तीन गुजरात से हैं. लोकतंत्र में हर को हर की सवारी करने का अधिकार है, लेकिन गुजरात में जो काम हुआ है और जनता को जो मूड है, वो परिणामों में नजर आयेगा. इस बारे में अभी क्यों बहस करें.

एक अखबार के कार्यक्रम में रवि शंकर प्रसाद ने इन आरोपों से इनकार किया कि गुजरात के युवाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति में अपनी बात कहना शुरू किया है. उन्होंने कहा कि जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी बोलने की आजादी थी. उन्होंने कहा कि हम जमीन पर हैं इसलिए सर्वे में हम नजर आ रहे हैं. रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि आईटी मंत्री होने के नाते उन्हें अपने देश पर गर्व है क्योंकि देश अब बदल रहा है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बात की तकलीफ है कि बड़े-बड़े लोगों की बड़ी पार्टियां सिकुड़ रही हैं. आज मैं बड़ी पीड़ा के साथ कहना चाहता हूं कि बड़े-बड़े लोगों की बड़ी-बड़ी पार्टियां सिमटती जा रही हैं. फिर भी हिन्दुस्तान कहां जा रहा है, लोग समझ नहीं पा रहे हैं. डिजिटल प्रगति के बारे में उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसल बेच पाएं इसके लिए हमने डिजिटल माध्यम शुरू किया है और इससे देश की 450 मंडियों को जोड़ा गया है. किसान मंडी में एक क्लिक के जरिए अपने उत्पाद बेच सकते हैं.

रवि शंकरप्रसाद ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि राजीव गांधी कहते थे कि हम दिल्ली से एक रुपया भेजते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के गांव में केवल 15 पैसे पहुंच पाते हैं. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हम दिल्ली से हजार रुपये भेजते हैं और वे हजार रुपये गरीब के बैंक खाते में पहुंचते हैं.

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