लखनऊ : उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) तथा बिहार पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के संयुक्त दल ने फर्जी लाइसेंस के आधार पर शस्त्र खरीदकर नक्सलवादियों को बेचने वाले गिरोह के एक वांछित सदस्य को आज मुंगेर (बिहार) से गिरफ्तार कर लिया.
एटीएस महानिरीक्षक असीम अरुण ने यहां बताया कि दस्ते तथा बिहार एसटीएफ की संयुक्त टीम ने फर्जी लाईसेंस के आधार पर उत्तर प्रदेश से शस्त्र खरीदने वाले गिरोह के सदस्य तथा वाछित अभियुक्त उपेंद्र सिंह को बिहार स्थित मुंगेर से गिरफ्तार किया. उन्होंने बताया कि एटीएस की कानपुर इकाई को कानपुर नगर के एक शस्त्र विक्रेता द्वारा लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया से जुड़े हुए विभिन्न व्यक्तियों के साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र करके बिहार के कई फर्जी लाइसेंस के आधार पर दर्जनों शस्त्र खरीदे जाने की सूचना मिली थी. जांच के दौरान इसमें सत्यता पाये जाने पर इस संबंध में पिछली 24 मई को लखनऊ एटीएस थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था.
अरुण ने बताया कि इस मामले में गत 25 जुलाई को एटीएस ने अभियुक्त विजय खन्ना, अमरजीत नियोगी, जैनुल आबदीन तथा राजीव शुक्ला नामक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था. उनसे पूछताछ में पता लगा था कि बिहार में बने फर्जी लाइसेंस तथा अन्य अभिलेखों की मदद से खरीदे गये शस्त्रों को मुंगेर निवासी राजकिशोर राय, उपेंद्र सिंह तथा अन्य साथियों को बेचा गया था. उपेंद्र इसी मामले में वांछित था.
महानिरीक्षक के मुताबिक उपेंद्र सिंह ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह तथा राज किशोर राय अपने साथियों तथा कानपुर के शस्त्र विक्रेताओं के साथ मिलकर षड्यंत्र करके बिहार के विभिन्न जिलों के फर्जी शस्त्र लाइसेंस पर शस्त्र खरीद लेते थे तथा उन शस्त्रों को बिहार राज्य में अपराधियों एवं संदिग्ध नक्सलियों को ऊंचे दामों पर बेच देते थे. उन्होंने बताया कि अभी तक की जांच में बिहार के कुल 29 शस्त्रों की अवैध बिक्री में गिरफ्तार मुलजिमों की संलिप्तता का पता चला है. विवेचना में और भी शस्त्रों और अभियुक्तों के बारे में जानकारी की जा रही है.