जनता तय करे, भाजपा का विकास विरोधी एजेंडा चाहिए या सपा का विकास : अखिलेश

लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नगरीय निकाय चुनाव को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के लिये जनरूझान का संकेत करार देते हुए आज जनता से अपील की है कि अब उसे तय करना है कि वह सपा की पिछली सरकार के विकास को चुनती है या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2017 8:23 PM

लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नगरीय निकाय चुनाव को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के लिये जनरूझान का संकेत करार देते हुए आज जनता से अपील की है कि अब उसे तय करना है कि वह सपा की पिछली सरकार के विकास को चुनती है या फिर भाजपा के विभाजनकारी और विकास विरोधी एजेंडे को.

अखिलेश ने यहां जनता के नाम जारी एक अपील में कहा कि उत्तर प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनके परिणाम वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए संकेत भी होंगे. प्रदेश में नगरीय निकायों के चुनावों में मतदाताओं को तय करना है कि वे समाजवादी सरकार के उत्तम विकास कार्यों तथा जनकल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाना चाहेंगे या भाजपा की विभाजनकारी और विकास विरोधी नीतियों को फलने-फूलने देंगे.

सपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा के 2017 के चुनाव के समय जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सभी किसानों की ऋण माफी की घोषणा के बहकावे में आ गयी और झूठे वादों की बदौलत प्रदेश में भाजपा सरकार बनाने में सफल हो गयी. अखिलेश ने कहा कि प्रदेश के मतदाताओं को बहकाने के लिए और नगर निकाय के चुनावों को छलबल से जीतने के लिए भाजपा ने विधानसभा चुनावों की तरह फिर निकाय चुनावों के लिए एक छल पत्र जारी कर दिया हैं, लेकिन जनता अब भाजपा की चालों को खूब समझने लगी है और वह अब उन्हें करारा सबक सिखायेगी.

पूर्व सीएम ने कहा कि सपा का विश्वसनीय रिकार्ड है कि उसने जो वादे किये उन्हें पूरा किया. दूसरी ओर, भाजपा ने अपने अब तक के कार्यकाल में ना तो एक भी चुनावी वादा पूरा किया और ना ही जनहित की कोई योजना शुरू की. वह सिर्फ नफरत फैलाने और समाज को बांटने का काम ही करती रही है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे, लखनऊ मेट्रो रेल, समाजवादी पेंशन योजना, समाजवादी आवास योजना, नि:शुल्क लैपटाप का जिक्र किया और कहा कि पूर्ववर्ती सपा सरकार के शासनकाल में कानपुर, वाराणसी, वृन्दावन, मथुरा, अयोध्या, इलाहाबाद, आगरा तथा गाजियाबाद समेत प्रदेश में कई बड़ी विकास योजनाओं को पूर्ण कराया. इसके अलावा सामाजिक उत्थान की अनेक योजनाएं चलायीं. मगर भाजपा ने सत्ता में आते ही उनमें से ज्यादातर को बंद कर दिया.

इस बीच, भाजपा प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने कहा कि अखिलेश ने निकाय चुनाव की जनसभाओं में शामिल ना होकर यह मान लिया है कि इन चुनावों में उनकी पार्टी की हार पक्की है. उन्होंने दावा किया कि प्रदेश की जनता को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूरा भरोसा है. आगामी निकाय चुनाव में यह एक बार फिर साबित हो जायेगा. विधानसभा चुनाव में करारी पराजय के बाद सपा के नेता हताश हैं.

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