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CM योगी से मिले श्रीश्री रविशंकर, कल जायेंगे अयोध्या, शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा- हम AIMPLB के साथ

लखनऊ : अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए मध्यस्थता के लिए आगे आये ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर करीब आधे घंटे तक मुलाकात की. इसके बाद श्रीश्री रविशंकर मुसलिम संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करने के बाद राज्य के […]

लखनऊ : अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए मध्यस्थता के लिए आगे आये ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर करीब आधे घंटे तक मुलाकात की. इसके बाद श्रीश्री रविशंकर मुसलिम संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करने के बाद राज्य के मंत्री मोहसिन रजा से भी मुलाकात करेंगे. रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े पक्षकारों से बातचीत करने के लिए श्रीश्री रविशंकर गुरुवार को अयोध्या जायेंगे. अयोध्या में श्रीश्री रविशंकरदिगंबर अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, राष्ट्रीय मुस्लिम मंच, शिव सेना, हिंदू महासभा के अलावा विनय कटियार से भी मुलाकात करने की उम्मीद जतायी गयी है.

शिया पर्सनल लॉ बोर्ड केअध्यक्ष ने कहा,ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ है शिया पर्सनल लॉ बोर्ड

शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष ने शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख वसीम रिजवी के रुख से ताल्लुक नहीं रखते.शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष यासूब अब्बास ने कहा कि इस मामले में हम ऑल इंडिया पर्सनल लॉबोर्ड के साथ हैं. हम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा है कि अदालत के बाहर मध्यस्थता का हम स्वागत करते हैं. लेकिन, शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के प्रमुख वसीम रिजवी की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है.

श्रीश्री की मध्यस्थता को नकार चुके हैं राम विलास वेदांती

श्रीश्री रविशंकर की पहल को हिंदू पक्षकार राम विलास वेदांती ने नकारते हुए कहा है कि श्रीश्री रविशंकर की मध्यस्थता किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेंगे. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए राम जन्मभूमि न्यास और विश्व हिंदू परिषद ने आंदोलन किया. इसलिए बातचीत भी इन दोनों संगठनों को मिल कर करना चाहिए.


शिया वक्फ बोर्ड कर चुका है सुलह का ऐलान

शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की श्रीश्री रविशंकर से हुई मुलाकात के बाद रिजवी ने दावा किया था कि बाबरी मस्जिद शियाओं की है. इसलिए इस पर शिया वक्फ बोर्ड का ही हक बनता है. उन्होंने कहा था कि रामजन्म भूमि के विवादित स्थान पर न तो अब मस्जिद है और न ही वहां नमाज होती है. अयोध्या मंदिरों का शहर है. यहां किसी प्रकार की नयी मस्जिद की जरूरत नहीं है. मस्जिद फैजाबाद व अयोध्या के बाहर ही बननी चाहिए. अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि और वसीम रिजवी ने ऐलान भी किया था कि सुलह हो गयी है. अयोध्या में राम मंदिर ही बनेगा. मस्जिद का निर्माण अयोध्या-फैजाबाद के बाहर किसी मुस्लिम आबादी वाले इलाके में किया जायेगा.

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