लखनऊ : अयोध्या मुद्दे का बातचीत और परस्पर सहमति के जरिये समाधान खोजने के प्रयास के तहत आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में मुस्लिम धार्मिक नेताओं से बातचीत की. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद राशिद फरंगीमहली के साथ बैठक के बाद रविशंकर ने कहा, बातचीत के जरिये हम हर समस्या हल कर सकते हैं. अदालत का सम्मान है, लेकिन अदालत दिलों को नहीं जोड़ सकती. अगर हमारे दिल से एक फैसला निकले, तो उसकी मान्यता सदियों तक चले. रविशंकर गुरुवार को अयोध्या में भी विभिन्न धार्मिक नेताओं से मिले थे. सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि देश से जुड़े सभी मुद्दों पर बातचीत की जरूरत है. भाईचारे और पुरानी संस्कृति को आगे बढ़ाने की जरूरत है.
एक अन्य सवाल के जवाब में रविशंकर ने कहा कि हम मानते हैं कि काफी देर हो चुकी है, लेकिन संभावनाएं मौजूद हैं. हम कोई एजेंडा लेकर नहीं चल रहे हैं, बल्कि एक रास्ता खोज रहे हैं. उन्होंने कहा, समय दीजिए. बहुत जल्दबाजी मत कीजिए. हम सबसे बात करेंगे. मुझे पूरा विश्वास है कि जब धार्मिक लोग एकत्र होंगे, तो सबसे बात होगी. रविशंकर ने यह विश्वास भी जताया कि इस प्रयास के जरिये देश के लिए कुछ बड़ा हासिल किया जा सकेगा.
फरंगीमहली ने कहा कि अगर दोनों ओर के नेता हर स्तर पर नियमित रूप से बैठ कर बात करें, तो मतभेद दूर हो जायेंगे. रविशंकर गुरुवार को फैजाबाद और अयोध्या में निर्मोही अखाड़े के धीरेंद्र दास और मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मिले थे. अयोध्या जाने से पहले वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में मिले थे. रविशंकर ने कहा कि कोई सौहार्द्र के विरोध में नहीं है. ये अभी शुरुआत है. हम सबसे बात करेंगे. रविशंकर ने अयोध्या मुद्दे के समाधान के लिए मध्यस्थता की पेशकश की थी. दोनों ही समुदायों के कुछ संगठन उनकी भूमिका को लेकर आपत्ति व्यक्त कर चुके हैं.