लखनऊ : स्थानीय अदालत में पद्मावती फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली एवं तीन अन्य के खिलाफ परिवाद दाखिल किया है. अदालत ने परिवाद दर्ज कर परिवादी के बयान के लिए 24 नवंबर की तारीख नियत की है. परिवाद में मांग की गयी है कि भंसाली एवं तीन अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाकर उन्हें दंडित किया जाये.
यह परिवाद स्थानीय वकील अशोक पांडे ने दाखिल किया है. परिवादी का कहना था कि फिल्म के निर्माण के बाद उसके रिलीज होने से पहले उसका सेंसर बोर्ड से पास होना अनिवार्य है. ऐसा न किया जाना सिनेमेटोग्राफ एक्ट की धारा 7 के तहत अपराध है. परिवादी ने आरोप लगाया है कि फिल्म निर्माता भंसाली ने पदमावती फिल्म सेंसर बोर्ड से पास होने के लिए भेजी थी, परंतु प्रक्रियात्मक खामियों के चलते फिल्म वापस कर दी और फिल्म अभी तक सेंसर बोर्ड से पास नहीं है. इसके बावजूद फिल्म निर्माता भंसाली ने कुछ पत्रकारों के सामने फिल्म का प्रदर्शन किया जहां कुछ अन्य लोग भी मौजूद थे.
परिवादी का तर्क है कि भंसाली ने बिना सेंसर बोर्ड की अनुमति के फिल्म दिखाकर एवं तीन पत्रकारों ने बिना सेंसर बोर्ड से पास की गयी फिल्म को देखकर सिनेमैटोग्राफ एक्ट की धारा 7 के तहत अपराध किया है. परिवादी ने मांग की है कि चारों के खिलाफ मुकदमा चलाकर सभी को दंडित किया जाये.