लखनऊ : शिया वक्फ बोर्ड ने आज सुन्नी वक्फ बोर्ड से कहा कि उसे उनकी संपत्ति (बाबरी मामले) में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. सुन्नी वक्फ बोर्ड को काशी, मथुरा में स्थित मंदिर-मस्जिद विवाद को सुलझाने में सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए. शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने आज एक बयान में कहा, सुन्नी वक्फ बोर्ड को काशी और मथुरा मंदिर मस्जिद विवाद में अपना पक्ष रखने का हक है, लेकिन अयोध्या में उसे ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि यह मुद्दा शिया वक्फ बोर्ड से जुड़ा है.
रिजवी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को चाहिए कि वे शियाओं की संपत्ति पर अपना अधिकार छोड़कर काशी, मथुरा स्थित मंदिर-मस्जिद विवाद को शांतिपूर्वक हल करने की दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाने की कोशिश करें. उन्होंने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड यह स्पष्ट कर देना चाहता है कि उनके द्वारा उठाया गया कदम राष्ट्रहित में है. शिया वक्फ बोर्ड ने अपना पक्ष उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है.
गौरतलब है कि शिया वक्फ बोर्ड ने लंबे समय से चल रहे बाबरी विवाद को समाप्त करने के लिये 18 नवंबर को उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, जिसमें लखनऊ के हुसैनाबाद इलाके में मस्जिद और अयोध्या में मंदिर बनाने का प्रस्ताव दिया है.