आगरा : समाजसेवी अन्ना हजारे ने मंगलवार को कहा कि आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी देश में लोकतंत्र नहीं है. देश को न तो मोदी चाहिए और न ही राहुल गांधी, क्योंकि दोनों उद्योगपतियों के हिसाब से काम करते हैं. इस बार किसान के हित में सोचने वाली सरकार चाहिए. 23 मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान पर एक नये आंदोलन की जरूरत बताते हुए अन्ना ने कहा कि राजग और संप्रग दोनों सरकारों ने लोकपाल को कमजोर किया गया है. इसलिए एक बार फिर आंदोलन की जरूरत है.
अन्ना ने दावा किया कि देश में 22 साल में 12 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि इस बार लड़ाई निर्णायक होगी. यह आंदोलन 23 मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान में होगा. उन्होंने आरोप लगाया कि उद्योगपतियों की सरकार नहीं चाहिए. न ही मोदी चाहिए और न ही राहुल गांधी. इन दोनों के दिमाग में उद्योगपति ही हैं. हमें ऐसी सरकार चाहिए, जिसके दिमाग में उद्योगपति नहीं बल्कि किसान हो.
हजारे ने कहा कि 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके आंदोलन के बाद अरविंद केजरीवाल ने जब पार्टी बना ली, तो उन्होंने उनसे कोई वास्ता नहीं रखा. हजारे ने कहा कि मैं दूसरा अरविंद केजरीवाल नहीं बनने दूंगा. मेरा अरविंद केजरीवाल से अब कोई संबंध नहीं रहा. मेरे अगले आंदोलन में शामिल होने वालों से इस बात का शपथ पत्र लिया जाएगा कि वे न तो किसी पार्टी में शामिल होंगे और न ही कोई पार्टी बनाएंगे.