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भाजपा सांसद ने दी ट्रेनी IAS को धमकी, कहा- जीना मुश्किल कर दूंगी

बाराबंकी : यूपी के बाराबंकी में सरकारी जमीन पर राजस्व टीम द्वारा अतिक्रमण हटाये जाने के दौरान भाजपा सांसद प्रियंका रावत और प्रशिक्षु आईएएस एसडीएम के बीच ठन गयी और दोनों आमने सामने आ गये. स्थानीय सांसद प्रियंका सिंह रावत एक प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी को कथित रूप से धमकाते हुए कैमरे में कैद हो गयीं. […]

बाराबंकी : यूपी के बाराबंकी में सरकारी जमीन पर राजस्व टीम द्वारा अतिक्रमण हटाये जाने के दौरान भाजपा सांसद प्रियंका रावत और प्रशिक्षु आईएएस एसडीएम के बीच ठन गयी और दोनों आमने सामने आ गये. स्थानीय सांसद प्रियंका सिंह रावत एक प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी को कथित रूप से धमकाते हुए कैमरे में कैद हो गयीं. इस घटना का फुटेज इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

घटना सफदरगंज थानाक्षेत्र के चैला गांव में सरकारी जमीन पर राजस्व टीम द्वारा अतिक्रमण हटाये जाने को लेकर गांव वालों से हुए विवाद से जुड़ी है. नगर निकाय चुनावों को लेकर कल टिकैतनगर में शपथ ग्रहण समारोह से वापस आ रही सांसद प्रियंका सरकारी जमीन पर खड़ी फसल जुतवाने के मामले की जानकारी लेने थाना सफदरगंज के चैला गांव पहुंच गयी. वहां पर सिरौली के एसडीएम और प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी अजय कुमार द्विवेदी भी मौजूद थे.

वीडियो फुटेज में प्रियंका को यह कहते दिखाया गया है, मेरे कार्यकर्ताओं के साथ अगर सही व्यवहार नहीं हुआ तो मैं बाराबंकी में आपका जीना मुश्किल कर दूंगी. प्रियंका यह कहते हुए दिख रहीं हैं, तमीज नाम की कोई चीज है या नहीं…मैं यहां खड़ी हूं. मेरी बात सुनने की बजाय आप जा रहे हैं. जनप्रतिनिधि के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है, आप नहीं जानते.

इस बाबत जब सांसद से पूछा गया तब वह बोलीं, मैं वहां इस मसले पर बात करने गयी थी और संबद्ध अधिकारी, एसडीएम, बिना सुने ही चले जा रहे थे. उन्होंने कहा, (जनता के बीच) क्या संदेश जायेगा. अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह बात सुनें और प्रोटोकाल का पूरा सम्मान करें. जब कहा गया कि ये बात वह किसी अलग तरह से भी कह सकती थीं तब प्रियंका ने कहा, हम पढ़े लिखे लोग हैं और हमें पता है कि किस तरह की भाषा बोलनी है. हम अनपढ लोग नहीं हैं. आप जांच करा लें कि उस व्यक्ति (एसडीएम) ने किस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया था.

एसडीएम ने बाद में कहा कि मामला एक तालाब और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का है. राजस्व विभाग के अधिकारी और पुलिस का एक दल अवैध कब्जा हटवाने के लिए भेजा गया था, लेकिन उन्हें उनका काम करने से रोका गया. बाद में सांसद भी वहां पहुंच गयीं.

एसडीएम ने कहा कि उन्होंने वरिष्ठों को प्रकरण की जानकारी दे दी है. साथ ही कहा कि अतिक्रमण के खिलाफ उनका अभियान जारी रहेगा. कुछ समय पहले ही सांसद एक पुलिस अधिकारी को धमकाने और तत्कालीन जिलाधिकारी के खिलाफ आरोप मढने के लिए खासी चर्चा में रही हैं.

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