अलीगढ : उत्तर प्रदेश में अलीगढ नगर निगम के नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह में उस समय हंगामे की स्थिति पैदा हो गयी, जब बसपा पार्षद मुशर्फ हुसैन उर्दू में शपथ लेने पर अड़ गये. हुसैन की कल कथित तौर पर पिटाई हो गयी. इससे पहले कि हालात बिगड़ते, जिला प्रशासन के अधिकारियों ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया.
हुसैन ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि उन्हें मारने की साजिश की गयी थी और अगर कुछ अधिकारी हस्तक्षेप नहीं करते तो उनकी जान चली जाती. कुछ असामाजिक तत्वों ने महापौर की कार पर पत्थर फेंके लेकिन वह सुरक्षित निकल गये.
Aligarh: Pandemonium broke out at Aligarh Municipal Corporation yesterday as scuffle erupted between members of BJP and BSP as one of the newly elected corporator from BSP took oath in Urdu when the newly elected Mayor Mohammad Furqan & other corporator were taking oath. pic.twitter.com/LqN6U9A7I5
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 13, 2017
अलीगढ़ के नये महापौर मोहम्मद फुरकान ने कल की घटना पर नाराजगी का इजहार किया. उन्होंने आज कहा, मैं नहीं समझता कि भाषा, जाति एवं धर्म के आधार पर अनावश्यक विवाद पैदा कर सरकार के विकास के एजेंडा को पटरी से उतारना उचित है. उन्होंने कहा कि वह भाजपा कार्यकर्ताओं के सीट हारने से उपजे गुस्से को समझते हैं. वह सीट, जिस पर उनका पिछले 20 साल से कब्जा था. मुझे शपथ ग्रहण समारोह में गड़बड़ी की आशंका थी, इसलिए मैंने बसपा के सदस्यों से हिन्दी में शपथ लेने एवं विवाद से बचने की सलाह दी थी. मेरी सलाह के बावजूद हमारे पार्षदों ने उर्दू में शपथ लेना तय किया. ये हालांकि उनका संवैधानिक अधिकार है और उन्होंने अगर ऐसा किया तो इसमें भड़कने की कोई वजह नहीं है.
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी एवं राज्य की योगी सरकार विकास के एजेंडे पर सत्ता में आयी. मैं उन्हें आश्वसत करता हूं कि मैं अलीगढ़ को स्मार्टसिटी बनाने के उनके प्रयासों में पूरा सहयोग करूंगा. वंदे मातरम गाये जाने के दौरान बसपा सदस्यों के सम्मान नहीं प्रदर्शित करने को लेकर कुछ भाजपा सदस्यों के आरोप पर फुरकान ने कहा कि पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी करायी गयी है और संभवत: दो तीन लोगों को छोड़ दें तो हाल में मौजूद बसपा सदस्यों ने इस मौके पर पूरा सम्मान प्रदर्शित किया है.
संपर्क करने पर अलीगढ़ के जिलाधिकारी हृषिकेश भास्कर यशोद ने कहा कि इस समय वह टिप्पणी नहीं करना चाहते क्योंकि अभी तक किसी व्यक्ति या समूह ने पुलिस में कोई रिपोर्ट नहीं दर्ज करायी है. हालांकि वंदे मातरम गाये जाने के दौरान हुए विवाद में कोई तथ्य नहीं है क्योंकि 99 फीसदी दर्शक उस समय खड़े थे, जब गीत गाया जा रहा था. उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ, उस पर संज्ञान लेने के लिए महापौर को पूरा अधिकार है. इस समय जिला प्रशासन और पुलिस के हस्तक्षेप का कोई औचित्य नहीं है.
Some people objected & raised slogans during ceremony. We received information that a Councillor tried taking oath in Urdu. We'll probe recording of the ceremony & take action if we find this to be true. No religious slogans were raised: Hrishikesh Bhaskar Yashod, Aligarh DM pic.twitter.com/WCgIWYFv5A
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 13, 2017
इस बीच कुछ भाजपा सदस्यों ने मांग की है कि हिंदी भाषा के प्रति अपमान प्रदर्शित करने के लिए बसपा सदस्य के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए.
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