हंगामे की भेंट चढ़ा UP विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का पहला दिन
लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज पहले ही दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया. विपक्ष ने बिजली दरों में बढ़ोतरी और कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर दोनों ही सदनों में कार्यवाही बाधित की, जिससे प्रश्नकाल नहीं हो सका. जबरदस्त शोरगुल और नारेबाजी के बीच दोनों सदनों की बैठक दिन भर के […]
लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज पहले ही दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया. विपक्ष ने बिजली दरों में बढ़ोतरी और कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर दोनों ही सदनों में कार्यवाही बाधित की, जिससे प्रश्नकाल नहीं हो सका. जबरदस्त शोरगुल और नारेबाजी के बीच दोनों सदनों की बैठक दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी.
विधानसभा की बैठक शुरू होते ही विपक्षी दलों के सदस्य विशेषकर सपा और कांग्रेस सदस्य आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे. उनके हाथ में पोस्टर थे. वे बिजली दरों में बढ़ोतरी और कानून व्यवस्था की खराब स्थिति का हवाला देकर विरोध प्रकट कर रहे थे. नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि बिजली दरों में बढ़ोतरी के चलते किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं पर भारी बोझ पड़ा है. इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा करायी जानी चाहिए.
लाल टोपी पहने सपा सदस्यों के हाथ में पोस्टर थे, जिन पर लिखा था, ”बिजली दामों में बढ़ोतरी वापस लो और गड्ढा मुक्त सड़कों के नाम पर भ्रष्टाचार”. सपा सदस्य सरकार विरोधी नारेबाजी कर रहे थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उस समय सदन में मौजूद थे. गांधी टोपी पहने कांग्रेस सदस्य भी सपा सदस्यों के साथ सरकार विरोधी नारेबाजी करते सुने गये. विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने सदस्यों से अपनी जगह वापस जाकर बैठ जाने की अपील की, लेकिन उनकी बात नारेबाजी कर रहे सदस्यों ने नहीं सुनी.
एक मौके पर दीक्षित नेता प्रतिपक्ष से पूछते देखे गये कि क्या कोई ऐसा नियम है, जिसके तहत सदन में पोस्टर लेकर आने की अनुमति है. दीक्षित ने विरोध प्रकट कर रहे नारेबाजी करने वाले सदस्यों से मुखातिब होते हुए कहा, ”(लगता है) आप सदन में पूरी तैयारी से आये हैं.” संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि सपा को 2014 के लोकसभा चुनाव, 2017 के विधानसभा चुनाव और हाल ही में संपन्न नगर निकाय चुनावों में जनता ने नकार दिया है इसलिए सपा सदस्य सदन की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं.
हंगामे के बीच अध्यक्ष ने सदन की बैठक संक्षिप्त समय के लिए स्थगन के बाद पूरे प्रश्नकाल तक के लिए स्थगित कर दी. इसके बाद भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा थमता ना देख उन्होंने सदन की बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी. उधर, विधान परिषद में भी निचले सदन जैसा ही दृश्य था. कानून व्यवस्था, उर्वरक एवं बीज संकट और नगर निकाय चुनाव में ईवीएम की गड़बड़ी जैसे मुद्दों पर विपक्ष ने सरकार को घेरा और आसन के सामने आकर नारेबाजी की. सपा सदस्यों ने टोपी पहन रखी थी, जिन पर नारे लिखे हुए थे, जबकि उनके हाथों में पोस्टर भी थे. आसन की ओर से बार-बार शांति बनाये रखने की अपील के बावजूद हंगामा थमा नहीं.
इसी बीच, बसपा सदस्य भी सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे. हंगामे के बीच सभापति रमेश यादव ने सदन की बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी. सदन की बैठक पुन: शुरू होने पर हंगामा जारी रहा और कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. दोपहर 12 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, सपा और कांग्रेस के सदस्य एक बार फिर आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे. सपा सदस्यों ने सभापति की ओर कागज के गोले बनाकर फेंके और जमकर नारेबाजी की. हंगामे के कारण प्रश्नकाल में सवाल जवाब नहीं हो सके. प्रश्नकाल के बाद भी दोनों सदनों में हंगामा जारी रहने पर कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी.