ब्लड प्रेशर, शुगर और दिल के मरीज ठंड में न लगाएं पैग

लखनऊ : कड़ाके की ठंड और सर्द तेज हवाओं से बचने के लिये हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर और दिल की बीमारी के मरीज थोड़ा सावधान रहें, क्योंकि यह मौसम उनके लिये काफी खतरनाक साबित हो सकता है. डाॅक्टरों का कहना है कि शरीर को गर्म रखने के लिये दो पैग रम या व्हिस्की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2017 4:17 PM

लखनऊ : कड़ाके की ठंड और सर्द तेज हवाओं से बचने के लिये हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर और दिल की बीमारी के मरीज थोड़ा सावधान रहें, क्योंकि यह मौसम उनके लिये काफी खतरनाक साबित हो सकता है. डाॅक्टरों का कहना है कि शरीर को गर्म रखने के लिये दो पैग रम या व्हिस्की पीना उनके लिए जानलेवा हो सकता है.

संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन दिनों हृदय रोग विभाग की ओपीडी मरीजों की संख्या में करीब बीस फीसदी की बढ़ोत्तरी हो गयी है. डाॅक्टरों का मानना है कि इस समय पड़ रही ठंड उच्च रक्तचाप, रक्त में शर्करा बढ़ने के मरीजों तथा दिल की बीमारी से ग्रस्त मरीजों के लिये परेशानी का कारण बन सकती है. इसलिए सर्दी से तो बचाव करें ही साथ साथ खान पान पर भी ध्यान दें, तथा तेल और मक्खन से बने खाद्य पदार्थों से तो पूरी तरह बचे, हो सके तो रोज व्यायाम करें. लेकिन, सूरज निकलने के बाद मार्निंग वाक पर जाएं.

डाॅक्टरों का कहना है कि इसके अलावा इस मौसम में शराब का इस्तेमाल तो कतई न करें, क्योंकि व्हिस्की और रम के दो पैग उस समय तो ठंड को कम कर देंगे, लेकिन इससे उनका ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ जायेगा और रक्त में शर्करा की मात्रा में अचानक बढ़ोत्तरी हो जायेगी. इस मौसम में रक्त चाप, शुगर और दिल के रोगी एक बार अपने डाॅक्टर से मिलकर अपनी दवाओं पर जरूर चर्चा कर लें, ऐसा करना उनके लिये लाभप्रद ही होगा, और हो सके तो अपने डाॅक्टर के संपर्क में लगातार रहें.

संजय गांधी आर्युविज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) लखनऊ के हृदय रोग विभाग के प्रोफेसर सुदीप कुमार ने आज भाषा से विशेष बातचीत में कहा कि सर्दियां बच्चों और बुजुर्गों के लिये तो खतरनाक होती ही है, लेकिन उन लोगों के लिये सबसे अधिक परेशानी का कारण बनती है जो कि हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर या दिल की बीमारी से पीड़ित हो. वह कहते है कि सर्दी में उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिये सबसे बड़ी परेशानी यह है कि ठंड की वजह से पसीना नहीं निकलता है और शरीर में नमक का असर बढ़ जाता है जिससे रक्त चाप बढ़ जाता है. इसलिए सर्दियों में नमक का प्रयोग भी कम से कम करें.

प्रो कुमार कहते है कि इसके अतिरिक्त सर्दियों में ज्यादा मेहनत का काम न करने से शारीरिक गतिविधियां भी कम हो जाती है और लोग व्यायाम आदि से भी कतराते है जिससे रक्तचाप बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है और फिर बढ़े हुए रक्तचाप के कारण ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. सर्दी के मौसम में खून की धमनियों में सिकुड़न की वजह से खून में थक्का जमने की आशंका बढ़ जाती है जो कि दिल के रोगियों के लिये परेशानी का कारण बन जाती है. ऐसे में इस तरह के रोगियों को सर्दी के मौसम में परांठे, पूड़ी और अधिक चिकनाई वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए, क्योंकि सर्दी में दिल को आम दिनों की तुलना में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है जो कभी कभी उस पर भारी पड़ जाती है.

संजय गांधी पीजीआई के मधुमेह रोग विभाग के प्रो संदीप गुप्ता ने भाषा को बताया कि लोगों के मन में एक गलतफहमी है कि सर्दी के दिनों में गर्म चीजें जैसे गुड़ से बनी गजक या तिल के लड्डू आदि खाने से या व्हिस्की या रम के दो पैग गुनगुने पानी से लेने से सर्दी भाग जायेगी. हालांकि, ऐसा करने से आप को तुरंत तो गर्मी का एहसास हो जायेगा, लेकिन आपका रक्तचाप और ब्लड शुगर बढ़ जायेगा जो आपकी सेहत के लिये काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है और आपको अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है. इसी कारण ठंड के मौसम में अस्पतालों के कार्डियोलोजी विभाग में अचानक मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हो जाता है.

प्रो सुशील गुप्ता कहते है कि इस ठंड के मौसम में उच्च रक्तचाप, ब्लड शुगर और दिल के मरीज सुबह-सुबह की मार्निंग वाक से बचें और हो सकें तो शाम को ठहलने या व्यायाम करें और कम से कम इतना जरूर करे कि वाक या एक्सरसाइज से आपके शरीर से पसीना निकलने लगे. इसके अलावा खानपान पर जरूर ध्यान दें.

प्रो गुप्ता कहते है कि सर्दियों के मौसम में ब्लड शुगर के मरीज समय-समय पर अपने डाक्टर के संपर्क में रहे और ठंड के मौसम में एक बार अपनी ब्लड रिपोर्ट अपने डाॅक्टर को दिखाकर अपनी दवाएं एडजस्ट जरूर करवां ले, क्योंकि सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है.

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