21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UP में लाउडस्पीकर पर कसेगा शिकंजा, सरकार ने जारी किये दिशा निर्देश

लखनऊ : इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ पीठ के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सार्वजनिक स्थानों पर लगे स्थायी लाउडस्पीकरों के बारे में रविवार को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये हैं. प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने रविवार को बताया, ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) के प्राविधानों का […]

लखनऊ : इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ पीठ के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सार्वजनिक स्थानों पर लगे स्थायी लाउडस्पीकरों के बारे में रविवार को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये हैं. प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने रविवार को बताया, ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) के प्राविधानों का कड़ाई से अनुपालन करने के संबंध में हाइकोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये हैं.

हाइकोर्ट ने बीते 20 दिसंबर को राज्य में ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण में नाकामी को लेकर कड़ी नाराजगी जतायी थी और राज्य सरकार से पूछा था कि क्या प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों, मस्जिदों, मंदिरों, गुरुद्वारों या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगे लाउडस्पीकर संबंधित अधिकारियों से इजाजत लेने के बाद लगाये गये हैं? सरकार ने 10 पृष्ठ का लाउडस्पीकर के सर्वेक्षण का प्रोफार्मा जारी किया है. इसमें स्थायी रूप से लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत लेने का फॉर्म और जिन लोगों ने लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत नहीं ली है, उनके खिलाफ की गयी कार्रवाई की विस्तृत जानकारी देने को कहा गया है.

इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 20 दिसंबर को राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए यह पूछा था कि क्या प्रदेश के मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, गिरिजाघरों एवं अन्य सभी सरकारी स्थानों पर बजनेवाले लाउडस्पीकरों के लिए अनुमति ली गयी है? अदालत की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश के धार्मिक स्थलों एवं अन्य सरकारी स्थानों पर बिना सरकारी अनुमति के लाउडस्पीकर बजाने पर सख्त ऐतराज जताया था.

अदालत ने प्रमुख सचिव गृह एवं उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन को यह सारी सूचना अपने व्यक्तिगत हलफनामे के जरिये एक फरवरी तक पेश करने का आदेश दिया था. अदालत ने दोनों अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि ऐसा नहीं करने की स्थिति में दोनों अधिकारी अगली सुनवायी के समय व्यक्तिगत रूप से हाजिर रहेंगे. स्थानीय वकील मोतीलाल यादव की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विक्रम नाथ एवं न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की खंडपीठ ने 20 दिसंबर को यह आदेश जारी किया था.

ध्वनि प्रदूषण नियमन एवं नियंत्रण नियम, 2000 में यह प्रावधान है कि ऑडिटोरियम, कांफ्रेंस रूम, कम्यूनिटी हॉल जैसे बंद स्थानों को छोड़ कर रात 10 बजे से प्रात: छह बजे तक लाउडस्पीकरों का प्रयोग नहीं किया जायेगा. हालांकि, राज्य सरकार को यह छूट है कि वह एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम 15 दिनों के लिए सांस्कृतिक या धार्मिक अवसरों पर रात 10 बजे से रात 12 बजे के बीच ध्वनि प्रदूषण कम करने की शर्तों के साथ लाउडस्पीकर बजाने की छूट दे सकती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें