लखनऊ : चारा घोटाला मामले में फंसे पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेता लालू यादव को लेकर बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है. सजा सुनाये जाने के बाद से एक के बाद एक चौंकाने वाली बातें सामने आ रहीं हैं. उन्हें बचाने के लिए कोशिश करने वालों और सेवा करने वालों की लंबी लिस्ट है. इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश के जालौन के कलेक्टर का नाम सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में नजर आ रहे हैं.
योगी ने झांसी कमिश्नर को इस मामले की जांच करने के आदेश दे दिये हैं और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है. आपको बता दें कि चारा घोटाले में देवघर कोषागार (आरसी 64 ए/96) से हुई फर्जी निकासी के मामले में लालू प्रसाद को सजा सुनाये जाने से पूर्व सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह को उत्तर प्रदेश के एक जिले के डीएम और एसडीएम ने फोन किया था. दोनों ने फोन कर लालू प्रसाद की पैरवी की थी. सूत्रों के अनुसार, डीएम ने कहा था कि लालू जी अच्छे आदमी हैं.
वहीं, एसडीएम ने न्यायाधीश को फोन कर कहा था कि लालू जी रिश्तेदार लगते हैं, देख लीजिएगा सर. बताया जाता है कि इसी फोन के बाद फैसले के बिंदु पर सुनवाई के दौरान न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने लालू प्रसाद से कहा था कि आपके कई शुभचिंतक फोन कर पैरवी कर रहे हैं, लेकिन मैं किसी की नहीं सुनता. मैं वही करूंगा, जो कानून कहता है. न्यायाधीश शिवपाल सिंह उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के रहनेवाले हैं.