लालू की पैरवी करने का आरोप झेलने वाले डीएम मन्नान अख्तर हैं कौन?

कभी मन्नान अख्तर की सफलता की दास्तां पढ़ते थे यूथ, आज लालू की पैरवी का आरोप झेल रहे डीएम साहब लखनऊ : जालौन के डीएम मन्नान अख्तर चर्चा में हैं. उनके चर्चा में आने की वजह है उन पर लगा यह आरोप है कि उन्होंने चारा घोटाला मामले में कोर्ट-कचहरी और जेल की सजा का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2018 2:29 PM


कभी मन्नान अख्तर की सफलता की दास्तां पढ़ते थे यूथ, आज लालू की पैरवी का आरोप झेल रहे डीएम साहब

लखनऊ : जालौन के डीएम मन्नान अख्तर चर्चा में हैं. उनके चर्चा में आने की वजह है उन पर लगा यह आरोप है कि उन्होंने चारा घोटाला मामले में कोर्ट-कचहरी और जेल की सजा का सामना कर रहे राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पैरवी संबंधित जज को फोन कर की थी. मीडिया में इस खबर के तूल पकड़ने के बाद उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिये हैं. इस मामले में डीएम मन्नान अख्तर ने मीडिया में अपनी सफाई भी दी है.

डीएम मन्नान अख्तर ने कहा है कि मैंने न तो किसी को फोन किया और न ही किसी से इस तरह की बात की है, न ही मेरा बिहार से कोई कनेक्शन है, मैं असम का रहने वाला हूं. उन्होंने कहा है कि इस मामले में जो भी कानूनी कार्रवाई आवश्यक होगी मैं करूंगा.

दरअसल, लालू के मामले की सुनवाई कर रहे जज उत्तरप्रदेश के जालौन जिले के रहने वाले हैं और यह खबर मीडिया में आयी है कि वहां के डीएम ने अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए लालू प्रसाद यादव की पैरवी के लिए फोन किया था.

मन्नान अख्तर 2010 के आइएएस अफसर हैं और उन्हें एक तेज-तर्रार अफसर माना जाता है और उन्होंने 55वां स्थान हासिल किया था. उनकी सफलता की कहानी और आइएएस परीक्षा पास करने के तरीके पर एडुकेशन से संबंधित कई वेबसाइटों पर गूगल सर्च में सक्सेस स्टोरी मिलजाती है. अपनी आइएएस की सफलता पर उन्होंने कहा था कि वे एक डॉक्टर के रूप में सीमित लोगों के बीच काम कर सकेंगे, लेकिन वे इंडियन सिविल सर्विस में इसलिए जाना चाहते हैं ताकि वे बड़े स्तर पर लोगों के जीवन को प्रभावित कर सकें.

मन्नान अख्तर ने असम के हाफलोंग, बोनगईगांव और तेजपुर से स्कूलिंग की. फिर चंडीगढ़ के प्रतिष्ठित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हाॅस्पिटल से मेडिकल की पढ़ाई साल 2003 से 2009 के बीच की. एक साल वहीं इंटर्नशिप की और फिर सिविल सर्विस की परीक्षा पास की. यहां के अपने बैच के ओवर ऑल टाॅपर बने थे और उनकी सफलता की सुनहरी दास्तां थी.

मन्नान अख्तर ने आइएएस के लिए मेडिकल साइंस और जियोग्राफी विषय को चुना. एकेडमिक सफलता के लिए अखबार पढ़नेमेंरुचिरखने वाले मन्नान ने सिविल सर्विस में इकोनॉमी पर विशेष फोकस किया था. उनके टिप्स सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले दूसरे युवाओं के काम में आते थे. लेकिन, अब वे विवाद से घिर गये हैं और उन्हें अपने ऊपर लगे इनआरोपों को धोना होगा. उन्होंने कहा भी है कि वे इसके लिए आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेंगे.

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