दो साल पहले भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष बनाये जाने के बाद मऊ दौरे के दौरान दयाशंकर सिंह ने बसपा मुखिया मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उनकी तुलना वेश्या से करते हुए बसपा पर टिकट बेचने का आरोप लगाया था. इसके बाद बसपाइयों ने प्रदेश भर में प्रदर्शन किया और 21 जुलाई को लखनऊ में नसीमुद्दीन सिद्दीकी, प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर और पार्टी सचिव मेवालाल की अगुवाई में प्रदर्शन के दौरान दयाशंकर सिंह, उनकी पत्नी स्वाति सिंह और बेटियों के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था. जहां बसपा कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर की पत्नी और बेटी को पेश करने की आवाज उठायी थी.
मामले में स्वाति सिंह ने 22 जुलाई, 2016 को हजरतगंज कोतवाली में बसपा सुप्रीमो मायावती, तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर पर केस दर्ज किया था. हालांकि, एफआईआर में पॉक्सो एक्ट शामिल नहीं किया गया था. इस पर स्वाति सिंह ने आपत्ति जताते हुए राज्यपाल से मिल कर बसपाइयों के अपशब्दों की सीडी सौंपी थी. सीडी के विश्लेषण के बाद नसीमुद्दीन को छोड़ कर राम अचल राजभर, अतर सिंह रावत समेत 22 लोगों पर पॉक्सो एक्ट लगाया गया था. लेकिन, शासन से अनुमति न होने के कारण कार्रवाई नहीं हो पायी थी. क्योंकि, उस वक्त प्रदेश में बसपा की सरकार थी.