आलू पर राजनीति में कूदे अखिलेश, पूछा- किसानों ने क्या गुनाह किया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा, राजभवन और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर आलू फेंकने के मामले में पुलिस ने आज कन्नौज जिले के दो लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें से एक आलू को अपने लोडर से लाने वाला ड्राइवर है. पुलिस इस मामले में छह लोगों की तलाश कर रही है. ये लोग समाजवादी पार्टी (सपा) के […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा, राजभवन और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर आलू फेंकने के मामले में पुलिस ने आज कन्नौज जिले के दो लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें से एक आलू को अपने लोडर से लाने वाला ड्राइवर है. पुलिस इस मामले में छह लोगों की तलाश कर रही है. ये लोग समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ता है और ऐसी आशंका है कि इन लोगों ने राजधानी के प्रमुख इलाकों में आलू सरकार को बदनाम करने की नियत से फेंके थे.
इस मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को आड़े हाथों लिया. लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने आज पत्रकारों को बताया कि छह जनवरी की सुबह राजधानी के वीआईपी इलाकों में तड़के चार बजे के आसपास आलू फेंके गये थे. पुलिस ने सबसे पहले सीसीटीवी कैमरे की मदद से आलू फेंकने आये लोडर की पहचान की. इस लोडर के मालिक और ड्राइवर की पहचान कन्नौज जिले के ठठिया इलाके के संतोष पाल के रूप में हुई. संतोष की पहचान पर इस मामले में कन्नौज के तिरवा के अंकित सिंह को हिरासत में लिया गया.
इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आज पत्रकारों से कहा, मैं सरकार में आने पर लखनऊ के एसएसपी को यश भारती दूंगा. क्योंकि, उन्होंने आलू वाले मामले में सपा की भूमिका बतायी है. कोल्ड स्टोरेज में आलू बर्बाद हो रहा है, किसानों ने कर्ज लिया है. अगर सपा के लोग किसान हैं, वे आलू लाये तो उन्होंने क्या गुनाह किया.
अखिलेश ने लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा, एसएसपी चोर और अपराधियों को नहीं रोक पा रहे हैं. एसएसपी के घर के पड़ोस में पूर्व विधायक के बेटे की हत्या हो गयी. उन्होंने कहा, अगर आलू हमारे नेताओं ने फेंका तो क्या गलत किया. अब हम किसानों से कह रहे कि एक बोरी आलू जिले के जिलाधिकारी को दें. उसके बाद एक छुट्टा जानवर भी हर जिले के डीएम को देंगे. सरकार के रवैये से कानून व्यवस्था सही नहीं होगी. जिनको कानून व्यवस्था सही करनी हो वह आलू किसानों को गिरफ्तार कर रहे हैं.
इससे पहले एसएसपी कुमार ने पत्रकारों को बताया कि इस मामले में संतोष और अंकित को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी तो पता चला कि यह आलू शिवेंद्र सिंह, संदीप उर्फ रिक्की यादव, दीपेंद्र सिंह चौहान, संजू कटियार, प्रदीप सिंह और जय कुमार तिवारी ने सरकार को बदनाम करने की साजिश से एक कोल्ड स्टोरेज से लिया था और सभी ने इसे तड़के चार बजे राजधानी के प्रमुख स्थानों पर फेंका था. इनका मकसद किसानों की आड़ में सरकार को बदनाम करना था. इनका किसानों के आलू के कम दाम के आंदोलन से कोई लेना देना नहीं था.
एसएसपी कुमार ने कहा कि इन छह लोगों के अलावा पुलिस कुछ और लोगों की तलाश कर रही है. इन लोगों पर आलू फेंकने वाले इन लोगों को संरक्षण देने का आरोप है. उन्होंने कहा कि इन लोगों में से कुछ लोग सपा से जुड़े है और हाल ही में नगर निकाय चुनाव में सपा के टिकट पर चुनाव भी लड़े थे. उन्होंने बताया कि अंकित सिंह और लोडर चालक मालिक संतोष पाल को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि अन्य की तलाश की जा रही है.
गौरतलब है कि राजधानी के वीआईपी इलाको में आलू फेंके जाने के इस मामले में कार्रवाई करते हुए लापरवाही को लेकर एक सब इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था.
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