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यूपी : DGP नहीं बन पायेंगे ओपी सिंह, पीएमओ ने नहीं दी मंजूरी

!!प्रतिनिधी!! लखनऊ : यूपी के नये डीजीपी की दौड़ से आईपीएस अधिकारी ओपी सिंह बाहर हो गये हैं. बताया जा रहा है कि पीएमओ ने उनके नाम को मंजूरी नहीं दी है. लिहाजा अब प्रदेश सरकार ने नए डीजीपी की तलाश नए सिरे से शुरू कर दी है. अब दौड़ में रजीनकांत मिश्रा और भावेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2018 9:07 PM

!!प्रतिनिधी!!

लखनऊ : यूपी के नये डीजीपी की दौड़ से आईपीएस अधिकारी ओपी सिंह बाहर हो गये हैं. बताया जा रहा है कि पीएमओ ने उनके नाम को मंजूरी नहीं दी है. लिहाजा अब प्रदेश सरकार ने नए डीजीपी की तलाश नए सिरे से शुरू कर दी है. अब दौड़ में रजीनकांत मिश्रा और भावेश कुमार सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है.
31 दिसंबर को डीजीपी सुलखान सिंह के रिटायर होने के बाद योगी सरकार ने सीआईएसएफ के डीजी ओपी सिंह के नाम पर अपनी सहमति दी और इसके लिए योगी सरकार ने जरूरी कागजी कार्यवाही कर केन्द्र सरकार को भेजी. लेकिन केन्द्र सरकार ने उनके नाम पर अपनी मुहर नहीं लगायी.
योगी के पसंदीदा अफसर है ओपी सिंह
सुलखान सिंह के रिटायर होने के करीब 19 दिन बीतने के बाद अब सरकार ने किसी अन्य अफसर को डीजीपी बनाने का फैसला किया है. क्योंकि पीएमओ ने उनके नाम पर अपनी मंजूरी नहीं दी है. दरअसल ओपी सिंह को 3 जनवरी 2018 को अपना पद संभालना था, लेकिन उस दिन के बाद से ही उन्‍होंने अपने नए पद को नहीं संभाला. ऐसा माना जा रहा है कि ओपी सिंह के वक्त पर काम ना संभाले जाने के कारण अब आगामी 26 जनवरी से पहले राज्य सरकार अन्य अफसर के नाम पर अपनी सहमति दे सकती है.बताया जाता है कि ओपी सिंह योगी के पसंदीदा अफसरों में शुमार हैं.
मुलायम के भी करीबी थे ओपी सिंह
असल में लखनऊ के सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि मुलायम सिंह यादव से करीबी की बात ओपी सिंह के खिलाफ जा रही है. क्योंकि वहीं मायावती के साथ हुए गेस्ट हाउस कांड के दौरान लखनऊ के कप्तान ओपी सिंह थे. ऐसा बताया जाता है कि आज भी ओपी सिंह के मुलायम सिंह यादव से अच्छे संबंध हैं. लिहाजा योगी सरकार दलित वोट बैंक को देखते हुए अब ओपी सिंह के पक्ष में नहीं है. नए डीजीपी के लिए रजनीकांत मिश्रा का नाम सबसे आगे माना जा रहा है, वह एसएसबी के डीजी हैं. इसके अलावा यूपी में तैनात आईपीएस प्रवीण सिंह, सूर्य कुमार शुक्ल, और भवेश कुमार सिंह के नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं.

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