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उत्तर प्रदेश में शुरू होगी ”सर्वश्रेष्ठ विधायक” को पुरस्कार देने की परंपरा!

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित सांसदों को दिये जानेवाले सम्मान की तर्ज पर सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार देने की परंपरा शुरू करने पर विचार कर रहे हैं. ऐसी परंपरा की शुरुआत करनेवाला उत्तर प्रदेश संभवत: देश का पहला राज्य होगा. दीक्षित ने बताया कि उनका मुख्य ध्येय सदन में अनुशासन कायम करना […]

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित सांसदों को दिये जानेवाले सम्मान की तर्ज पर सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार देने की परंपरा शुरू करने पर विचार कर रहे हैं. ऐसी परंपरा की शुरुआत करनेवाला उत्तर प्रदेश संभवत: देश का पहला राज्य होगा. दीक्षित ने बताया कि उनका मुख्य ध्येय सदन में अनुशासन कायम करना है. विधानसभा का बजट सत्र आठ फरवरी से शुरू होना है. उन्होंने कहा कि विधायकों को संसदीय शिष्टाचार एवं नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करने के लक्ष्य से हम सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार की तर्ज पर सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार शुरू करने पर विचार कर रहे हैं.

दीक्षित ने कहा कि बजट सत्र लंबा चलेगा. हम गुणवत्तापरक चर्चा चाहते हैं. स्वस्थ चर्चा होनी चाहिए. इस बार विपक्ष को अपने अवसर का बखूबी उपयोग करना चाहिए. विधानमंडल के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राज्यपाल के संबोधन पर परिचर्चा का पर्याप्त समय होगा. आम बजट और विभागीय बजट पर भी चर्चा के लिए समय होगा. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस बार राज्यपाल के संबोधन के दौरान विपक्षी सदस्यों द्वारा सीटी बजाने, आसन की ओर कागज के गोले फेंकने और उसमें अवरोध पैदा करने जैसी घटनाएं इस बार नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सत्र से एक दिन पहले वह सर्वदलीय बैठक बुलायेंगे और सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों के नेताओं से सदन की गरिमा बनाये रखने का आग्रह करेंगे. विभिन्न दलों के नेताओं से उनकी अपील होगी कि राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हो ओर विपक्ष भी अपनी बात रखे. यही संसदीय परंपरा है.

गौरतलब है कि 15 मई, 2017 को राज्यपाल राम नाईक के संयुक्त संबोधन के दौरान आसन की ओर कागज के गोले फेंके गये थे. सपा के कई सदस्यों ने नारेबाजी की थी, उनके हाथों में प्लेकार्ड थे. उन्होंने नाईक की ओर कागज के गोले उछाले थे. सपा विधायक राजेश यादव लगातार 35 मिनट तक सीटी बजाते रहे थे. नाईक जिस समय सदन की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सदन में मौजूद थे. एक अन्य सवाल के जवाब में दीक्षित ने कहा कि सदन की कार्यवाही के सीधे प्रसारण को संपादित करना संभव नहीं है. हालांकि, वह दूरदर्शन से इस पहलू पर बात करेंगे कि जब सदस्य हंगामा कर रहे हों, कैमरे का फोकस आसन की ओर हो. दीक्षित ने कहा, कागज के गोले फेंकने से किसी को चोट लग सकती है. यह पूछने पर कि क्या वह कोई कड़ा कदम उठायेंगे, दीक्षित ने कहा कि उन्होंने कड़ाई करने के बारे में कभी नहीं सोचा.

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