लखनऊ : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की परीक्षा को नकलविहीन बनाने की ‘फुलप्रूफ‘ व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए इस बार राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और स्थानीय अभिसूचना तंत्र की मदद ली जा रही है. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा, ‘‘हमने सामूहिक नकल के लिये कुख्यात परीक्षा केंद्रों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई में एसटीएफ और स्थानीय अभिसूचना तंत्र की मदद ली है. हमारा उद्देश्य नकलविहीन परीक्षा कराना और शिक्षा माफिया को हतोत्साहित करना है.” उन्होंने कहा कि नकल माफिया तत्वों की पहचान कर ली गयी है. स्थानीय अभिसूचना तंत्र से परीक्षा के दौरान उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कहा गया है. जो भी व्यक्ति नकल कराने का ठेका लेगा, वह जेल जायेगा.
माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी परीक्षा केंद्रों के लिए अपने यहां सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि उनके यहां हो रही गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. कड़े मानकों का अच्छा परिणाम है कि इस बार परीक्षा केंद्रों की संख्या 12 हजार से घट कर 8500 हो गयी है, लेकिन इससे परीक्षार्थियों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जायेगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का स्पष्ट मत है कि परीक्षा में नकल को कतई बरदाश्त नहीं किया जायेगा और नकल कराने की कोशिश करनेवालों से सख्ती से निबटा जायेगा. हमने परीक्षा के दौरान अपनाये जानेवाले गलत तरीकों का अध्ययन किया है. इस बार नकल करने या कॉपी बदलने की तरकीबें नहीं चलेंगी. इस बार यूपी बोर्ड की कक्षा 10 और कक्षा 12 की परीक्षाएं छह फरवरी को शुरू हो रही हैं, जो 12 मार्च तक होंगी. इस दौरान कक्षा 10 के लिए 36,55,691 परीक्षार्थियों और कक्षा 12 के लिए 29,81,327 परीक्षार्थियों ने पंजीकरण कराया है.