भाजपा सांसद हुकुम सिंह पंचतत्व में विलीन, उठाया था हिंदुओं के पलायान का मुद्दा
शामली : भाजपा के सांसद हुकुम सिंह रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गये हैं. उत्तर प्रदेश के कैराना लोकसभा सीट से सांसद हुकुम सिंह काशनिवार शाम नोएडा के एक निजी अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद देहांत हो गया था. उनका पार्थिव शरीर रात में ही यहां लाया गया था. सुबह 7:30 बजे अंतिम […]
शामली : भाजपा के सांसद हुकुम सिंह रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गये हैं. उत्तर प्रदेश के कैराना लोकसभा सीट से सांसद हुकुम सिंह काशनिवार शाम नोएडा के एक निजी अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद देहांत हो गया था. उनका पार्थिव शरीर रात में ही यहां लाया गया था. सुबह 7:30 बजे अंतिम स्नान के बाद उनका पार्थिव शरीरग्यारह बजे तक अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास पर ही रखा गया था.
इससे पहले भाजपा सांसद हुकुम सिंह का पार्थिव शरीर आज उनके कैराना मायापुर फार्म हाउस पर पहुंचने के बाद अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ जमा होनी शुरू हो गयी थी.यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी प्रदेश के मंत्री सुरेश राणा के साथ स्वर्गीय सिंह के आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवारजनों को सांत्वना दी.
श्री हुकुम सिंह जी की संसदीय प्रणाली एवं परम्पराओं के ज्ञाता के रूप में एक विशिष्ट पहचान थी। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री के रूप में उनके कार्यों को हमेशा याद किया जाएगा। वे किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा संघर्षशील रहे।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 4, 2018
सांस संबंधी तकलीफ का कर रहे थे सामना
भाजपा सांसद हुकुम सिंह सांस संबंधी तकलीफ का सामना कर रहे थे. नोएडास्थित जेपी अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि 79 वर्षीय नेता तकरीबन एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे. वह कैराना सीट से निर्वाचित हुए थे. उनकी पांच बेटियां है.
सात बारबने विधायक
हुकुम सिंह उत्तर प्रदेश से सात बार विधायक रहे और 2014 के चुनावों में लोकसभा में प्रवेश से पहले राज्य में मंत्री थे. हुकुम सिंह 1974-77, 1980-89 और 1996-2014 तक सात बार विधायक रहे. वह उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे. 2014 में हुकुम सिंह ने लोकसभा का चुनाव जीता था.
हिंदुओं के पलायन का मुद्दा उठाया था
पिछले साल उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों के पहले उन्होंने अपने लोकसभा क्षेत्र के कुछ हिस्से और पड़ोस से हिंदुओं के कथित पलायन का मुद्दा उठाया था. सांसद ने 346 परिवारों की एक सूची जारी की और कहा कि 2014 से इस मुस्लिम बहुल कस्बे को छोड़कर चले गए हैं. दूसरे समुदाय के कथित डर और धमकाए जाने के चलते हिंदू परिवार अपनी संपत्तियों को छोड़कर दूसरी जगहों पर चले गये हैं.