कासगंज : उत्तर प्रदेश पुलिस ने गणतंत्र दिवस के मौके पर जुलूस के दौरान चंदन गुप्ता की हत्या में मुख्य आरोपी द्वारा इस्तेमाल किया गया तमंचा आज बरामद कर लिया. पुलिस अधीक्षक पीयूष श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्य आरोपी सलीम से पूछताछ के दौरान मिली सूचना के आधार पर झाड़ियों से तमंचा बरामद किया गया. इस बीच जिलाधिकारी आरपी सिंह के निर्देश पर मुख्य आरोपी के नाम पर जारी दो हथियार के लाइसेंस निरस्त कर दिये गये.
आरपी सिंह ने बताया कि दो हथियारों एक रिवाल्वर और एक डीबीबीएल गन के लाइसेंस सलीम के नाम पर थे जो रद्द कर दिये गये हैं. ये भी जांच की जा रही है कि इन दो हथियारों का इस्तेमाल उक्त घटना में किया गया था या नहीं. चंदन गुप्ता हत्या मामले में मुख्य आरोपी सलीम को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद तीन फरवरी को एक अन्य आरोपी राहत को गिरफ्तार किया गया.
कासगंज हिंसा : पुलिस ने किये दो और आरोपी गिरफ्तार
गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाली गयी तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा में मारे गये चंदन गुप्ता की हत्या के दो और आरोपियों को पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अधीक्षक पीयूष श्रीवास्तव ने बताया कि चंदन हत्या मामले के दो आरोपी वसीम और नसीम को आज दो तमंचों और कुछ कारतूस सहित गिरफ्तार किया गया. ये दोनों मुख्य आरोपी सलीम के सगे भाई हैं. उन्होंने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
श्रीवास्तव ने बताया कि हत्या मामले के मुख्य आरोपी सलीम को पुलिस ने 31 जनवरी को ही गिरफ्तार कर लिया था और उसकी निशानदेही पर एक तमंचा बरामद किया था. इसी मामले के आरोपी राहत कुरैशी को तीन फरवरी को पुलिस ने काशीराम कालोनी से गिरफ्तार किया था. उन्होंने बताया कि मामले के एक अन्य आरोपी सलमान को पुलिस ने कल छह फरवरी को किसरौली रोड से गिरफ्तार किया था.
कासगंज हिंसा के संबंध में दर्ज 18 मामलों में अब तक 55 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस बीच जिलाधिकारी आरपी सिंह के निर्देश पर मुख्य आरोपी के नाम जारी दो हथियार लाइसेंस निरस्त कर दिये गये. सिंह ने बताया कि दो हथियारों एक रिवाल्वर और एक डीबीबीएल गन के लाइसेंस सलीम के नाम पर थे जो रद्द कर दिये गये हैं. यह भी जांच की जा रही है कि इन दो हथियारों का इस्तेमाल उक्त घटना में किया गया था या नहीं. कासगंज में गणतंत्र दिवस के मौके पर भड़की सांप्रदायिक हिंसा में चंदन की गोली लगने से मौत हो गयी थी. उसकी मौत के बाद कासगंज में हिंसा तेज हो गयी. कई दुकानों, बसों और अन्य वाहनों को आग लगा दी गयी. प्रशासन ने एक व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन को भी गिरफ्तार किया जो आपत्तिजनक एवं सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ पोस्ट कर रहा था.