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यूपी विधानसभा में विपक्षी दलों ने राज्यपाल पर फिर फेंके कागज के गोले, वापस जाओ के नारे लगाये

हरीश तिवारी लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के साल 2018 बजट सत्र के दौरान आज एक बार फिर सदन की गरिमा तार तार हुई. विपक्षी दलों ने पिछले साल की तरह राज्यपाल पर कागज के गोले बनाकर फेंके. विपक्षी दलों ने सदस्यों ने राज्यपाल वापस वापस जाओं के नारे भी लगाये. जिससे राज्यपाल काफी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2018 8:39 PM

हरीश तिवारी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के साल 2018 बजट सत्र के दौरान आज एक बार फिर सदन की गरिमा तार तार हुई. विपक्षी दलों ने पिछले साल की तरह राज्यपाल पर कागज के गोले बनाकर फेंके. विपक्षी दलों ने सदस्यों ने राज्यपाल वापस वापस जाओं के नारे भी लगाये. जिससे राज्यपाल काफी आहत दिखे और विरोध के बीच ही अपना भाषण खत्म किया.

योगी सरकार का 2018 का पहला विधानसभा सत्र गुरुवार को राज्यपाल राम नाईक के अभिभाषण के साथ जैसे ही शुरू हुआ, समाजवादी पार्टी के नेतृत्व में अन्य विपक्षी दलों के विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी. विपक्षी सदस्य राज्यपाल वापस जाओ वापस जाओ के नारे लगाते रहे और बैनर और पोस्टर के साथ सदन के भीतर नारेबाजी करते रहे. प्रदेश में आलू किसानों की समस्याओं को लेकर कई सदस्यों ने आलू की माला पहनकर विरोध जताया. हालांकि शोरगुल और हंगामे के बीच राज्यपाल अपना अभिभाषण पूरा किया.

वहीं कुछ सदस्यों ने कागजों के गोले बनाकर राज्यपाल की तरफ फेंका. पिछले साल भी योगी सरकार के पहले सत्र के दौरान सपा और विपक्षी दलों के सदस्यों ने राज्यपाल की तरफ कागज के गोले फेंके थे. विधानसभा के बजट सत्र से पहले समाजवादी पार्टी के विधायक धरने पर बैठ गये. हालांकि बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक में सभी दलों से सदन की कार्रवाई को सुचारू रूप से चलने की अपील की थी. लेकिन, विपक्ष ने सत्र के पहले दिन ही विपक्ष कानून व्यवस्था, फर्जी मुठभेड़, आलू, गन्ना किसानों की समस्याओं, बिजली की किल्लत व बढ़ी दरों और युवाओं के रोजगार जैसे मुद्दों पर विपक्ष आक्रामक रुख अपनाए रखा.

विधानसभा भवन में सामने चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी और नेता प्रतिपक्ष विधानमंडल अहमद हसन के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के विधायक धरने पर बैठे. रामगोविंद चौधरी ने बताया कि प्रदेश की जो कानून व्यवस्था है उसको लेकर पार्टी विरोध कर रही है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से कासगंज में मुसलमानों को शोषण किया जा रहा है.

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