देवबंद : दारुल उलूम ने एक ताजा फतवा जारी करतेहुए युवतियों और महिलाओं का गैर मर्दों से चूड़ियां पहननेको नाजायज बताया है. जारी फतवे में कहा गया कि जो महिलाएं बाजार में नामहरम (जिन से खून का रिश्ता न हो) मर्दों के हाथों से चूड़ियां पहनती हैं, वह नाजायज ही नहीं गुनाह भी है.
मुफ्ती-ए-कराम ने कहा कि औरतों का नामहरम मर्दों से चूड़ी पहनने के लिए निकलना भी मना है. यदि कोई ऐसा कर रहा है तो उसे तौबा कर इस तरह के गुनाह से बचना चाहिए. दारुल उलूम वक्फ के वरिष्ठ मुफ्ती, मुफ्ती आरिफ कासमी ने शरीयत की जानकारी देते हुए बताया कि उक्त फतवा पूरी तरह शरीयत पर आधारित है. उन्होंने बताया कि मुस्लिम महिला को पर्दे में रहने का हुक्म है. महिलाओं को किसी औरत से ही चूड़ियां पहननी चाहिए.
दरअसल, देवबंद के एक व्यक्ति ने दारुल उलूम के इफ्ता विभाग से लिखित सवाल किया था कि औरतों को चूड़ियां पहनने के लिए घर से निकलना पड़ता है और अपने हाथ गैर मर्दों के हाथों मे देने पड़ते हैं. क्या यह जायज है. इसी के जवाब में दारुल उलूम ने उक्त फतवा जारी किया है.