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यूपी : मंदिर में श्रद्धालु से दुष्कर्म मामले में दो व्यक्तियों को 40-40 साल की सजा

मथुरा : उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद की एक अदालत ने त्वरित सुनवाई करते हुए सिर्फ पांच माह में सामूहिक दुष्कर्म के दो आरोपियों को 40-40 वर्ष के कठोर कारावास एवं 1.10 लाख रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है. कुल 2.20 लाख की यह राशि पीड़ित को दी जायेगी. अभियोजन पक्ष के सहायक जिला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2018 11:53 AM

मथुरा : उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद की एक अदालत ने त्वरित सुनवाई करते हुए सिर्फ पांच माह में सामूहिक दुष्कर्म के दो आरोपियों को 40-40 वर्ष के कठोर कारावास एवं 1.10 लाख रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है. कुल 2.20 लाख की यह राशि पीड़ित को दी जायेगी.

अभियोजन पक्ष के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रवीण कुमार सिंह के अनुसार यह मामला बरसाना की लाड़ली जी (राधारानी) मंदिर का है. जहां मंदिर के चैकीदार एवं रसोइया ने मिलकर परिसर में आसरा पाए उड़ीसा की एक विधवा महिला से सामूहिक दुष्कर्म किया था. उनकी सारी करतूत वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड हो गयी थी.

उन्होंने बताया, बरसाना के विश्वप्रसिद्ध मंदिर में उड़ीसा की एक साध्वी लंबे समय से रहती थी. दिनभर राधारानी की भक्ति करने के बाद वह मंदिर के नीचे वाले हॉल में सो जाती थी. 11 सितंबर 2017 की रात को दो लोग आए और पहले महिला से छेड़छाड़ की और फिर उसे जबरन उठाकर मंदिर की एक कोठरी में ले गये. उन्होंने बताया, दोनों ने महिला से सामूहिक दुष्कर्म किया. दोनों की हरकत मंदिर में लगे सीसीटीवी में कैद हो गयी.

पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से दोनों आरोपियों को पहचान लिया. एक आरोपी मंदिर का रसोइया कन्हैया और दूसरा राजेंद्र उर्फ पंगा मंदिर का कर्मचारी निकला. पुलिस ने महिला की तहरीर पर मामला दर्ज करके दोनों को जेल भेज दिया था. सिंह ने बताया कि यह ऐतिहासिक फैसला है. मामले की सुनवाई के दौरान पीड़िता ने दुष्कर्म होने से साफ इनकार कर दिया और अपने बयान में दोनों आरोपियों को माफ करने को कहा, लेकिन अदालत ने पहली बार सीसीटीवी के फुटेज को पुख्ता साक्ष्य माना और पीड़िता का आरोपियों को माफ करना भी संज्ञान में लिया. उन्होंने कहा, माफ करने से स्पष्ट हो गया कि अपराध तो हुआ है. इसीलिए अदालत ने इसे आधार बनाते हुए दोनों आरोपियों को 40-40 वर्ष के कारावास तथा 1.10-1.10 लाख रुपये जुर्माना देने का फैसला सुनाया. जुर्माना नहीं भर पाने की स्थिति में कारावास की अवधि तदनुसार बढ़ जायेगी.

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